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मैनपुर शोभा गोना वन अधिकार पट्टे का मामला : कूट रचना व फर्जी हस्ताक्षर का अजब खेल

किरीट भाई ठक्कर , गरियाबंद। जिले के मैनपुर विकास खंड अंतर्गत वन अधिकार पट्टे के मामले में परत दर परत खुलासे हो रहे हैं। मैनपुर क्षेत्र के पूर्व जनपद सदस्य सुखचंद ध्रुव के अनुसार इस मामले में वन कर्मियों की घोर लापरवाही और फर्जी हस्ताक्षर की बात सामने आई है। आपको बता दें कि इस प्रकरण में पहले ही ग्राम शोभा की पूर्व सरपंच व सचिव के फर्जी हस्ताक्षर एवं सील मोहर के उपयोग की बात भी सामने आयी है। हालिया छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रश्नकाल में इस मामले को कांग्रेसी विधायक जनक ध्रुव द्वारा उठाया गया और जांच की मांग की गई है। आपको बता दें कि मैनपुर क्षेत्र के कांग्रेस नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम तथा उनकी पत्नी अनिता नेताम पर फर्जी तरीके से वन अधिकार पट्टे की मांग का आरोप लगाया गया तथा एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी । बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 में संजय नेताम पिता जोहर नेताम के नाम ,तोरेंगा वन परिक्षेत्र के गोना बीट में कक्ष क्र.1126 में 1.40 हेक्टेयर तथा इसी बीट के कक्ष क्र.1124 में 2.70 हेक्ट.वन भूमि के लिये अनिता नेताम पति संजय नेताम के नाम वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने दस्तावेज पेश किये गये थे। प्रस्तुत दस्तावेज पर ग्राम शोभा की पूर्व सरपंच जमुना बाई साथ ही पंचायत सचिव द्वारा अपने हस्ताक्षर से इनकार किया गया और फर्जी हस्ताक्षर व सील के उपयोग का आरोप लगाया गया था। उन्होंने एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। पूर्व सरपंच सचिव का कहना था कि प्रस्ताव पर हमारे हस्ताक्षर नही है। इसी तरह तौरेन्गा वन परिक्षेत्र के परिसर रक्षी बरन सिंह डोंगरे द्वारा भी संबंधित प्रमाण पत्र पर अपने हस्ताक्षर से इंकार किया गया है। डोंगरे ने लिखित शपथ पत्र पर लेख किया है कि संबंधित दस्तावेजों पर मेरे नाम से जो हस्ताक्षर है, वो मेरे नही है।

वन अधिकारी की घोर लापरवाही

जबकि वर्तमान वन परिक्षेत्र अधिकारी कुल्हाड़ी घाट ( बफर ) अमरसिंह ठाकुर तो लिखित में अपनी घोर लापरवाही व अकर्मण्यता स्वीकार करते हुये लिखित जवाब देते हैं कि प्रकरण से अनभिज्ञ होते हुये,बगैर मौका निरक्षण किये अधिकारियों के दबाव में मेरे द्वारा हस्ताक्षर किया गया। बता दें कि तत्समय में अमरसिंह ठाकुर परिक्षेत्र सहायक शोभा थे,जबकि अभी ये महाशय कुल्हाड़ी घाट रेंजर है। समझ नहीं आता कि जंगल इनके भरोसे है या ये जंगल के भरोसे ?
मामले से संबंधित एक अन्य वन कर्मी खामसिंह कश्यप, गोना बीट के कक्ष क्रं.1126 रकबा 1.40 हेक्टेयर पर संजय नेताम पिता जोहर निवासी ग्राम शोभा के वन अधिकार पट्टे के दस्तावेजों पर अपने हस्ताक्षर को स्वीकार करते हैं, किन्तु उक्त भूमि पर संजय नेताम के कब्जे से इंकार करते हैं।
एक जानकारी के अनुसार संजय नेताम तथा उनकी पत्नी अनिता नेताम के द्वारा किसी भी प्रकार के वन अधिकार पट्टे की प्राप्ति के आवेदन से इंकार किया गया है। कलेक्टर द्वारा निर्देशित जांच में भी इनके विरुद्ध शिकायत निराधार पायी गई, और मामला समय सीमा में विलोपित कर दिया गया है, फिर भी कुछ यक्ष प्रश्न खड़े हैं तभी मामला विधान सभा तक पहुंचा है।

पंद्रह वर्षों में 15 प्रतिशत जंगल साफ

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 15 वर्षों में टाईगर रिजर्व के तौरेन्गा परिक्षेत्र से 15% जंगल साफ हो चुका है। उदन्ती सीतानदी टाईगर रिजर्व के तौरेन्गा ( बफर ) परिक्षेत्र में 17 वर्षों में 20% वन आवरण घट गया है।

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