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स्वामित्व योजना अंतर्गत भूमि पट्टा का किया वितरण : जिले के 27 लोगों को प्रदान किया गया भूमि अधिकार अभिलेख

जिला स्तरीय कार्यक्रम में जनप्रतिधि एवं हितग्राहीगण हुए शामिल

गरियाबंद । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से स्वामित्व योजना अंतर्गत देशभर के 50 हजार से अधिक गांव में 65 लाख भूमि पट्टा का वितरण कर हितग्राहियों से संवाद किया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के जनप्रतिनिधि एवं हितग्राहीगण भी ऑनलाईन कार्यक्रम में शामिल हुये ।
यह कार्यक्रम कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिले के 27 लोगों को भूमि अधिकार अभिलेख का वितरण किया गया। सभाकक्ष में जनपद पंचायत गरियाबंद अध्यक्ष लालिमा ठाकुर, संयुक्त कलेक्टर राकेश गोलछा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने भूमि पट्टा का वितरण किया।
ड्रोन सर्वे से तैय्यार किया गया अधिकार अभिलेख
स्वामित्व योजना अंतर्गत गांवों का ड्रोन सर्वे एवं नवीन तकनीक से मैपिंग कर अधिकार अभिलेख तैयार किया गया है। इससे लोगों को अपनी भूमि का मालिकाना हक मिल गया है। अधिकार अभिलेख शासकीय योजनाओं के लाभ एवं बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायक होगा।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने स्वच्छता एवं नशामुक्त भारत अभियान में अपने भागीदारी सुनिश्चित करने की शपथ ली । इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य फिरतुराम कंवर, जनपद उपाध्यक्ष प्रवीण यादव, डिप्टी कलेक्टर अंजली खलखो, जनपद सीईओ अमजद जाफरी, तहसीलदार मयंक अग्रवाल, नायब तहसीलदार डोनेश साहू, अवंतिका गुप्ता, परियोजना अधिकारी लाईवलीहुड कॉलेज सृष्टि मिश्रा सहित हितग्राहीगण मौजूद रहे।
वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को सम्बोधित करते हुये कहा, कि स्वामित्व योजना का शुभारंभ 24 अप्रैल 2020 को किया गया था। इसके तहत गांवों का ड्रोन सर्वे कर सटिक मानचित्र बनाकर भू-रिकार्ड को डिजीटली रूप में संधारित किया गया जा रहा है। यह योजना हर नागरिक को प्रोत्साहित करने एवं उनके भूमि का दस्तावेज के रूप में मालिकाना हक दिलाने के लिए संचालित की जा रही है।
भूमि का पट्टा मिलने से हितग्राहियों के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। साथ ही आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण, रोजगार एवं अन्य योजनाओं की पात्रता में भी कारगर साबित हुई है। यह देश की उत्कृष्ट योजनाओं में शामिल है। स्वामित्व योजना किसान परिवारों के लिये आर्थिक विकास एवं भूमि की सुरक्षा की गारंटी बन चुकी है। इससे जनजाति परिवार भी लाभान्वित हो रहे है।
आपदा में मिलेगा मुआवजा
सभी गांवों में अधिकार अभिलेख बन जाने से आर्थिक गतिविधियों का रास्ता खुलेगा, साथ ही नागरिकगण अधिक विकास की ओर अग्रसर होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अधिकार अभिलेख आपदा के समय में भी उचित मुआवजा दिलाने में भी सहायता करेगा। इससे जमीन विवाद सुलझेगा साथ ही भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।
अधिकार अभिलेख का डिजिटलीकरण कर भूमि को खास पहचान दी गई है। इससे आसानी से प्लाट का चिन्हांकन कर भू-स्वामी का पता चल जायेगा।
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