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कृषि, पशुपालन और मछलीपालन विभागों की संयुक्त समीक्षा : ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त बनाने कलेक्टर की पहल,

फसल विविधीकरण और जैविक खेती को बढ़ावा देने के निर्देश ..

गोठानों के संचालन और दुग्ध उत्पादन की प्रगति पर हुई समीक्षा : मछली पालकों को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का लाभ दिलाने पर जोर..

गरियाबंद। जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर बी.एस. उइके की अध्यक्षता में कृषि, पशुपालन एवं मछलीपालन विभागों की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर ने कहा कि कृषि, पशुपालन और मछलीपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, इसलिये सभी विभागों का परस्पर समन्वय अत्यंत आवश्यक है, इसके लिये सभी संबंधित विभाग को मिलकर काम करना होगा।

उन्होंने खरीफ एवं आगामी रबी फसल की तैयारी की विस्तृत जानकारी ली तथा किसानों को उन्नत बीज, खाद एवं कीटनाशक समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये, इस दौरान उन्होंने फसल विविधीकरण, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली एवं जैविक खेती के विस्तार पर विशेष जोर देते हुये कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायतों में किसानों को जैविक खेती, दलहन-तिलहन एवं उन्नत खेती से जोड़ा जाये।

कृषि विभाग को निर्देशित किया गया कि किसानों के लिये प्रशिक्षण शिविर और फसल प्रदर्शन कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को नवीन तकनीक के बारे में अवगत कराया जाये। इस दौरान बैठक में जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर, उप संचालक कृषि चंदन रॉय, पशु चिकित्सा सेवायें के उप संचालक ओ.पी.तिवारी, सहायक संचालक मत्स्य अलोक वशिष्ठ सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने गौधाम के सुचारु संचालन, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, तथा टीकाकरण अभियान की प्रगति पर चर्चा की, उन्होंने कहा कि पशु स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन ग्राम स्तर पर नियमित रूप से किया जाये, ताकि पशुपालकों को तत्काल सुविधा मिल सके।

उन्होंने 21 पशु संगणना, कृत्रिम गर्भाधान एवं वत्सोत्पादन, पशुओं के टीकाकरण, मोबाईल वेटनरी युनिट के कार्यो, व्यक्तिमूलक योजना जैसे- बैकयार्ड कुक्कुट, सूकरत्रयी, सांड, बकरा वितरण, उन्नत मादा वत्स पालन की जानकारी लेते हुए निर्धारित समय पर लक्ष्य अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिये।

मत्स्यपालकों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलायें

कलेक्टर ने मछलीपालन विभाग की समीक्षा में तालाब एवं जलाशय का पट्टा वितरण, मत्स्य बीज संवर्धन केंद्रों की स्थिति और मत्स्य पालकों को दिये जा रहे प्रशिक्षण की जानकारी ली, उन्होंने निर्देश दिया कि मछलीपालकों को शासन की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, केसीसी का अधिकतम लाभ दिलाया जाये।

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