गरियाबंद। नगर के निकट की ग्राम पंचायत आमदी ( म ) का गजब किस्सा सामने आया है। अगर सूत्रों की कही सुनी को सच माने तो ये किस्सा बड़ा मजेदार है। किस्सा कुछ यूं बयां किया जा रहा है कि ग्राम पंचायत आमदी (म) के एक युवक दिव्यांश पटेल द्वारा पंचायत में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी के लिये एक आवेदन दिया गया, इस आवेदन की ऐसी उलट और गजब प्रतिक्रिया हुई कि शाम होते होते महिला सरपंच थाने पहुंच गई और युवक के खिलाफ जाति सूचक धाराओं में फर्जी एफआईआर दर्ज कराने आवेदन दे दिया।
युवक दिव्यांश का कहना है कि जब मैं आरटीआई बाबत पंचायत कार्यालय पहुंचा, तब वहां महिला सरपंच थी ही नहीं ? फिर किसी तरह का वाद विवाद भी नहीं हुआ ना गाली गलौज की नौबत आयी। फिर भी सरपंच, महिला होने तथा आदिवासी समुदाय की होने का फायदा उठाने की नियत से थाने पहुंच गयी।
इस बात की जानकारी अन्य युवा ग्रामीणों को हुयी तो उन्होंने महिला सरपंच की इस हरकत का विरोध किया। इनमें कुछ युवा आदिवासी समाज के भी थे। उन्होंने निजी हित साधने की गरज से एट्रोसिटी एक्ट का लाभ उठाने का विरोध किया। पता चला है कि किसी तरह मामला थाने में ही शार्ट आउट किया गया।
अब सवाल उठता है कि गांव के नवयुवक ने ऐसी कौन सी जानकारी मांग ली कि महिला सरपंच इतना तिलमिला उठी कि युवक के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज कराने थाने पहुंच गई। जहां तक हमारी जानकारी है कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4 (1) ख के तहत ग्राम पंचायतों के काम- काज लेन-देन के विवरण का स्वप्रकटीकरण किया जाना है। ई -ग्राम स्वराज की वेबसाइट पर इसे बिना किसी व्यवधान के देखा जा सकता है। क्या इस बात की जानकारी महिला सरपंच को नही है जबकि कार्यकाल को लगभग पांच वर्ष बीतने को है।
सूत्रों ने बताया कि महिला सरपंच ने युवक पर परेशान करने का आरोप लगाया। यदि काम काज साफ सुथरा है तो परेशानी की वजह क्या है ?
पंचायत सचिव पर बदसलूकी का आरोप
पिछले दिनों इसी ग्राम पंचायत के सचिव पर इसी युवक दिव्यांश ने बदसलूकी का आरोप लगाया है। लिखित शिकायत की गई है। बताते हैं कि जनपद सीईओ द्वारा पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ग्राम पंचायत आमदी (म) के कुछ युवकों ने हमें बताया कि इस पंचायत में शासन की बहुत सी योजनाओं में खुलकर भ्रष्टाचार किया गया है आगामी दिनों में योजनावार शिकायत कर जांच की मांग की जायेगी।