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सड़कों पर करोगे गड्ढे तो देना होगा 50 हजार हर्जाना

रुद्रपुर : सभी वार्डों की सड़कों की बदहाली को रोकने के उद्देश्य से नगर निगम प्रशासन ने सख्त रुख आख्तियार कर लिया है। जिसके चलते अब यदि सड़कों पर गड्ढे करके क्षतिग्रस्त करने की शिकायत मिलेगी तो निगम कार्यदारी संस्था या फिर गड्ढे खोदने वाले से 50 हजार रुपये का हर्जाना वसूलेगी।

निगम ने एक मॉनिटिरिग टीम का भी गठन किया है। जिसके माध्यम से निगम पोर्टल या टोल फ्री नंबर पर मिलने वाली शिकायत के बाद कार्रवाई करेगी। बताते चलें कि अक्सर देखने को मिलता है कि वार्डों में किसी भी बडे़ आयोजनों के दौरान टेंट लगाने के लिए सड़कों के बीचोंबीच गड्ढे करके पाइप लगाए जाते है।

सबमर्सिबल को लगाने के लिए भी गहरे गड्ढे सड़कों पर किए जाते है। जिसके चलते निगम द्वारा बनाई गई सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसकी रोकथाम के लिए मेयर रामपाल सिंह के आदेश पर एसएनए राजदेव जायसी की देखरेख में मॉनिटिरिग टीम का गठन किया गया है। यदि कोई टेंट लगाकर सड़कों को क्षतिग्रस्त करता है तो निगम संबंधित टेंट संचालक से 50 हजार रुपये का हर्जाना वसूलेगी।

यदि कोई व्यक्ति या परिवार घर के सामने की सड़कों को नुकसान पहुंचाता है। उसके लिए भी हर्जाने का प्रावधान किया गया है। बावजूद इसके कोई हर्जाना राशि नहीं देता है, तो निगम उसके विरुद्ध सरकारी संपत्ति को खुर्दबुर्द करने की रिपोर्ट दर्ज करवाएगा। जिसके लिए निगम ने टीम ने निगरानी भी शुरू कर दी है और नगर निगम पोर्टल और टोल फ्री नंबर पर मिलने वाली शिकायतों पर नजर बनाएं हुए है। जैसे ही कोई शिकायत मिलते ही तत्काल मॉनिटरिंग टीम मौका मुआयना करेगी और संबंधित से हर्जाना वसूलेगी।

निगम ने सरकारी संस्थानों को भेजा चेतावनी पत्र को वार्डों की सड़कों को क्षतिग्रस्त करने में जितना दोष आम व्यक्ति का माना गया है। उससे कही ज्यादा कुछ सरकारी विभागों का भी हाथ है। जैसे की अक्सर देखा गया है सड़कों को खोदकर पाइप लाइन, केबल जैसे आदि कार्यों के जरिए भी सड़कें क्षतिग्रस्त होती है। रोकथाम के लिए निगम प्रशासन द्वारा पेयजल विभाग, जल संस्थान, विद्युत विभाग, नेटवर्किग संस्थानों को चेतावनी पत्र भेजा गया है।

निगम ने हिदायत दी कि है कि अगर कोई भी संस्थान कार्य करने से पहले निगम प्रशासन से अनुमति पत्र लेगा और कार्य समाप्ति के बाद नुकसान की भरपाई करेगा। ऐसा नहीं करने पर मॉनिटिरिंग टीम कार्यदायी संस्थान के विरुद्ध पुलिस को तहरीर देकर कानूनी कार्रवाई करेगी। इसके लिए निगम ने सभी विभागों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है।

नगर निगम सीमित संसाधनों के माध्यम से वार्डों का विकास करती है, लेकिन कुछ संस्थान या फिर लोग अक्सर सड़कों में गड्ढे कर देते है। कुछ समय बाद निगम द्वारा बनाई गई सड़कें पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो जाती है। जो एक प्रकार से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सामान है। रोकथाम के लिए निगम ने जुर्माना या फिर रिपोर्ट दर्ज करने का निर्णय लिया है।

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