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अस्पताल संचालक की जॉच डेढ साल से नही…..पीएम और सीएम से किया शिकायत विधानसभा सत्र में विधायक भईयालाल राजवाडे ने दमदार आवाज में उठाया था शर्मा अस्पताल के गडबडियो का मुददा

 

बैकुंठपुर। कोरिया जिले के बैकुंठपुर शर्मा हॉस्पिटल संचालक के एनेस्थीसिया में डिप्लोमा की जॉच दबाने की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से मुख्यमंत्री कार्यालय सहित कई संस्थानो तक की गई है। मामले में विगत 02 वर्षो से मामले में शिकायतकर्ता डॉ प्रिंस जायसवाल ने डॉ. राकेश कुमार शर्मा, संचालक शर्मा हॉस्पिटल के एनेस्थीसिया में डिप्लोमा संबंधित विश्वविद्यालय के द्वारा जारी प्रमाण पत्र में विरोधाभाषी होने पर जॉच कराने की शिकायत कई स्तर पर किया। किन्तु शिकायतकर्ता का कहना है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्धारा जाच विगत डेढ वर्षो से दबा दिया गया है।

 

 

 

क्या है शिकायत

 

शिकायतकर्ता डॉ. जायसवाल का कहना है कि शर्मा हॉस्पिटल के संचालक के द्वारा पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट, एमटीपी एक्ट का लगातार उल्लघंन किया जा रहा है। केंद्र एवं राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजना-राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में निजी चिकित्सालय के द्वारा शासन एवं विभाग के द्वारा जारी दिशा-निर्देशो की घोर अवहेलना कर अत्याधिक आर्थिक लाभ अर्जित किया गया है।

 

 

 

चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक है अस्पताल संचालक

 

डॉ. जायसवाल का कहना है कि डॉ. राकेश कुमार शर्मा, भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ के जिला संयोजक हैं एवं उनकी पुत्री 2010 की उत्तर प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी है। इन तमाम प्रकरणों में इनके विरूद्ध कार्यवाही न होने से इनका हौसला लगातार बढ़ता जा रहा है। इन कारणों से प्रशासन एवं पुलिस विभाग के द्वारा शर्मा हॉस्पिटल के विरूद्ध प्रेषित शिकायत पत्रों में लगभग 1.5 वर्षों उपरांत भी जांच नहीं किया जा रहा है। जबकि आवेदक के पास निजी चिकित्सालय-शर्मा हॉस्पिटल के संदर्भ में प्रेषित समस्त शिकायत प्रकरण संबंधित साक्ष्य जांच हेतु उपलब्ध है।

 

विधायक ने विधानसभा में उठाया था मुददा

 

बैकुंठपुर विधायक भईयालाल राजवाड़े ने गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि लगातार यह देखने में आया है कि बैकुंठपुर के निजी शर्मा अस्पताल के द्वारा 50 हजार से अधिक रुपए डिलीवरी के नाम पर लिए जाते हैं । क्योंकि जिला अस्पताल बैकुंठपुर में गर्भवती महिलाओं का प्रसव नहीं कराया जा रहा है यह समस्या काफी दिनों से है यह दुकानदारी कब बंद होगी । हालांकि आज भी जानकारो का कहना है कि यह खेल जारी है।

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