दुर्ग : अपने तैराक खिलाड़ियों के लिए पूरे प्रदेश में चर्चित खेल गांव पुरई में आज जिला स्तरीय ओलंपिक खेलों का शानदार आगाज हुआ। 2400 खिलाड़ियों ने पुरई के खेल मैदान में 14 प्रकार के खेलों में हिस्सा लिया और इतिहास रच दिया। जिला स्तरीय ओलंपिक के लिए तैयार किये गये पुरई में खेलों के लिए इतना उत्साह था कि मेले जैसा माहौल वहां बन गया। आज ओलंपिक के पहले दिन यहां बच्चों की प्रतियोगिताएं हुईं। प्रतियोगिता की शुरूआत रस्सी खींच से हुई। इससे उत्साह काफी बढ़ गया और देर तक लोग इन खेलों को देखने उमड़ते रहे।
तालाब से शुरू कर स्विमिंग पुल के खिलाड़ियों को पीछे करने वालों का सम्मान- कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी रिवेंद्र यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पुरई में यह खेल आयोजित किया गया है और यह पुरई के खिलाड़ियों का सम्मान भी है। यह उन खिलाड़ियों का सम्मान है जिन्होंने अपने तालाब में प्रैक्टिस की और कई प्रतियोगिताओं में स्विमिंग पुल में नियमित रूप से तैराकी का अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों को भी पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि अभी नेपाल में आयोजित प्रतिस्पर्धा में भी इन खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
अपनी खेल परंपरा को सहेजने सार्थक कदम-
गांवों में मेले जैसा माहौल- कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के पहले चरण में जब ग्रामीण क्षेत्रों में यह खेल हो रहे थे तब इनमें काफी भीड़ जुट रही थी। मैंने अपने दौरों में इसे महसूस किया कि जहां ग्रामीण ओलंपिक हो रहे थे वहां मेले जैसा माहौल था। आज भी जिला स्तरीय खेल के आरंभ में जिस तरह का उत्साह दिख रहा है। उससे पता चलता है कि लोग कितने खुश हैं। राज्य सरकार की इस पहल से हमारी सुंदर खेल परंपराओं को सहेजने में मदद मिल रही है। बहुत से उम्रदराज लोगों ने अरसे बाद ग्रामीण खेलों में भाग लिया। उन्हें अपना बचपन याद आ गया। अपने स्थानीय खेलों को बढ़ाने की राज्य सरकार की पहल का बड़े उत्साह से स्वागत आम जनता ने किया है। जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन ने खेल के इस भव्य आयोजन के लिए और सुव्यवस्थित रूप से खेल कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की प्रशंसा की। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जायसवाल एवं जिला खेल अधिकारी श्री विलियम लकड़ा भी मौजूद रहे।