*”राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा स्वास्थ्य कर्मी ने की आत्महत्या : संविदा शोषण की शिकार होने पर दे दी जान, महीनेभर पहले एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मी के पति की भी हुई थी मौत,*
*एक वर्ष की मासूम के सिर से उठा माता-पिता का साया”*
खैरागढ़ जिला के छुईखदान ब्लॉक,आयुष्मान आरोग्य मंदिर जंगलपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्यरत थी एन.एच.एम. कर्मी आरती यादव।
रायगढ़ : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत महिला स्वास्थ्य अधिकारी की आत्महत्या की दर्दनाक घटना ने स्वास्थ्य प्रणाली की क्रूर सच्चाई को उजागर किया हैं। एक समर्पित सीएचओ आरती यादव ने अफसरों की मानसिक प्रताड़ना के चलते आत्महत्या कर ली। यह त्रासदी केवल एक मौत नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता का चीत्कार हैं।
एन.एच.एम कर्मी ने विपरीत पारिवारिक, आर्थिक हालात में घर के नजदीक स्थानांतरण की कोशिश की, मगर असफल हुई और जीवन संविदा रूपी शोषण की भेट चढ़ गयी। हाल ही में विभाग द्वारा जारी TOR (टी.ओ.आर.) ने सारा बोझ उक्त कर्मी पर डाला गया, चार स्वास्थ्य कर्मी का काम अकेले करने का दबाव दिया गया, दो-तीन दिन पहले वेतन की कटौती की धमकी ने उसकी उम्मीद छीन ली। यह अकेले कहानी नहीं हैं इससे पहले कई एन.एच.एम कर्मियों ने कार्य दबाव के कारण अपने जान गवाई हैं।
एन.एच.एम कर्मचारी संघ प्रदेश प्रांतध्यक्ष डॉ अमित मिरी, एवं प्रदेश मिडिया प्रभारी पूरन दास ने सयुंक्त जानकारी दिया की संघ के प्रमुख मांगे जिसमें नियमितीकरण, सवैतनिक चिकित्सा अवकाश,अर्जित अवकाश, स्थानांतरण नीति, कैशलेस चिकित्सा बीमा, अच्छे मानव संसाधन नीति, सी.आर. व्यवस्था में सुधार इत्यादि मांगे पूर्व से ही प्रशासन, शासन के समक्ष लंबित है।
