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दोपहर 3 बजे के बाद चिंगरा पगार जल प्रपात की ओर प्रवेश प्रतिबंधित

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में बारिश ईन दिनों अपने उत्कर्ष पर है। बरसात के इस मौसम में गरियाबंद जिले के जंगलों में स्थित पहाड़ी जल प्रपात जतमई, घटारानी, गजपल्ला,चिंगरा पगार के मनोरम दृश्य और सुकून भरी आभा सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। लिहाजा लगातार बारिश के बाद भी इन प्राकृतिक स्थानों पर सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित ट्विन सीटी भिलाई, दुर्ग, धमतरी आदि नगरों शहरों से गरियाबंद की दूरी अधिक नही है, इसीलिए भी इन प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों पर सैलानियों की आवा जाही लगातार बढ़ रही है।

चिंगरा पगार जल प्रपात , गरियाबंद।

इधर वन मंडलाधिकारी गरियाबंद के एक आदेश के बाद चिंगरा पगार जल प्रपात की ओर दोपहर 3 बजे के बाद सैलानियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। वन विभाग के कर्मी चिंगरा पगार के रास्ते में तैनात है। इस आदेश के बाद दोपहर 3 बजे के बाद आने वाले लोग बारूका से ही मायूस लौट रहे हैं, किन्तु एहतियातन सुरक्षा की दृष्टि से इस प्रकार का आदेश जरूरी है।

बारुका में तैनात वन कर्मी

चिंगरा पगार पहुंच मार्ग

रायपुर – गरियाबंद राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 सी पर गरियाबंद से 15 किलोमीटर पहले ग्राम बारूका से जंगल के रास्ते करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर चिंगरा पगार जल प्रपात स्थित है। जंगल का ये रास्ता बारिश के दिनों में फिसलन भरा होता है, बीच में एक दो बरसाती नाले भी है जिनमें अत्यधिक बरसात होने पर बाढ़ आ सकती है, जिससे मुख्य मार्ग तक लौटना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि दोपहर 3 बजे के बाद यहाँ प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है, जबकि शाम 5 बजे के बाद सभी लोगों इस स्थान से वापस लौट जाने की सलाह दी जाती है।

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