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जिला शिक्षा अधिकारी पर लगा ‘डीईओ’ पद का दुरुपयोग करने का आराेप, किया नियम विरुद्ध बिना काउंसलिंग लिपिकों को पदोन्नति

कोरबा/बादल दुबे : जिला शिक्षा अधिकारी की लिखित शिकायत 09 बिंदु पर की गई है । जिसमे डीईओ पद का दुरुपयोग करने का आराेप लगाया गया है और उचित जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गई है। सरकार के नियम कानूनों को दरकिनार कर काम किये जाने की शिकायतों के बाद भी कार्यवाही का नही होना कई तरह के मिली भगत के संसय को जन्म दे रहा है ।⬇️शेष नीचे⬇️

पद का दुरुपयोग-शासन को नुकसान : आपको बता दे कि बीते दिनों कलेक्टर से शिकायतकर्ता विजय दुबे ने 28 अक्टूबर को शिकायत की है जिसमें कलेक्टर को दिए शिकायत पत्र में बताया है कि जिला शिक्षा अधिकारी तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय अपने पद का दुरुपयोग कर और शासन को नुकसान पहुँचाते हुए काम कर रहे है। डीईओ द्वारा अगस्त 2023 में सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक के आह्वान किया गया था ।⬇️शेष नीचे⬇️

राज्य सरकार के अधिकार का उपयोग करते हुए पहुँचाई वित्तीय हानि : जिसमे सहायक शिक्षक, हेड मास्टर द्वारा हड़ताल अवधि में किये गए शिक्षकों का वेतन जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश क्रमांक- 3070/ स्था.- 02/ 2024- 25 कोरबा, दिनांक- 07/08/2024 द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में न होते हुए भी भुगतान हेतु राज्य सरकार के अधिकार का उपयोग करते हुए वित्तीय हानि पहुँचाई गई है ।⬇️शेष नीचे⬇️

बिना काउंसलिंग नियम विरुद्ध लिपिकों को पदोन्नती ; यह कि विभाग में कार्यरत विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ कि लिपिकों के पदोन्नत पर बिना काउंसलिंग नियम विरुद्ध (माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के आदेश नियमानुसार कार्यवाही को दरकिनार करते हुए सामूहिक पदस्थापना पत्र जारी न करते हुए सिंगल (प्रति व्यक्ति) आदेश पत्र जारी किया गया है। और शिक्षकों से उनके मनचाहे स्थान देने हेतु वसूली की गई है। जांच होने पर व्यापक रूप में किये गए अनैतिक कार्यों का खुलासा हो सकता है।⬇️शेष नीचे⬇️

मिलीभगत के चलते कार्रवाई नहीं : उसके बाद भी शिकायत पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है इस मामले में अभीतक कोई ठोस कार्यवाही का नही किया जाना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि इस पूरे मामले में बड़ी मात्रा में मिलीभगत की गई है । जिसके कारण ही मामले में कोई कार्यवाही नही की जा रही है ।⬇️शेष नीचे⬇️

करोड़ो रुपयों का किया गबन : यंहा बताना होगा कि ये कोई एक मामला नही है बल्कि कटघोरा में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रहते हुए मध्याहन भोजन में कई स्कूलों की दर्ज संख्या बढ़ाकर समूहों के साथ मिलकर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाते हुए करोड़ो रुपयों का गबन किया गया है। जिसकी जांच किये जाने से मामले का खुलासा सम्भव है ।          ⬇️शेष नीचे⬇️

मामला उच्च न्यायालय में लंबित फिर भी दे दी पदोन्नति : यह कि दिलेश कुमार खाण्डे सहायक शिक्षक (एल.बी.) प्रा. शा. दमखांचा, विखं. करतला को उनके प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में लंबित होते हुए बिना डी.पी.सी. व बिना काउंसलिंग के लंबी लेन- देन कर पदोन्नति दे दी गई। जिसकी जांच किये जाने से मामला उजागर हो जाएगा । लेकिन लेनदेन होने के कारण इस मामले में भी जांच करने से विभाग कतरा रहे है ।⬇️शेष नीचे⬇️

समय सीमा में कार्यभार ग्रहण नही : यहां तक कि जहां प्रधान पाठक का पद रिक्त ही नही है प्रत्याशा में स्थान बदला गया है। राजकुमारी साहू की पदोन्नति प्राथमिक शाला झिनपुरी प्रधान पाठक के पद पर हुई थी। कार्यभार ग्रहण करने के लिए 10 दिवस का समय दिया गया था। इस अवधि में श्रीमती साहू द्वारा कार्यभार ग्रहण नही किया गया । इस तरह इनकी पदोन्नति स्वतं ही निरस्त हो जानी चाहिए थी ।⬇️शेष नीचे⬇️

संशोधन के नाम पर कर दिया स्थानांतरित : किन्तु जिला शिक्षा अधिकारी तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय के द्वारा उच्च न्यायालय का आदेश होने की बात कहते हुए श्रीमती साहू को प्राथमिक शाला बम्हनीखुर्द विकासखण्ड पाली में संशोधन के नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया है। नरेन्द्र कुमार चंद्रा की पदोन्नति उपरांत पदस्थापना भदरापारा पोड़ी उपरोड़ा को संशोधित कर शलवाडेरा विकासखण्ड करतला कर दिया गया है।⬇️शेष नीचे⬇️

राज्य सरकार की शक्तियों का स्वयं किया उपयोग : वही श्रीमती तृप्ति चंद्रवंशी विकासखण्ड कटघोरा पदस्थापना प्राथमिक शाला विजयपुर को संशोधन कर प्राथमिक शाला चेंपा विकासखण्ड पाली कर दिया गया है। इसी तरह लगभग 15 से 20 शिक्षकों का स्थानान्तरण अपने अधिकार कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर नियम विरुद्ध तरीके से कार्य करते हुए राज्य सरकार स्तर के स्थानांतरण आदेश की शक्तियों का स्वयं उपयोग किया गया है। जांच होने पर व्यापक स्तर पर हुए नियम विरुद्ध अनैतिक कार्यों का खुलासा होगा।⬇️शेष नीचे⬇️

निलंबन पश्चात अब तक बहाल नही : बृजेन्द्र कुमार वानी कम्प्यूटर आपरेटर, कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पोड़ी उपरोड़ा जो कि अनियमितता/गबन के आरोप में शासन द्वारा निलंबित किया गया है। निलंबन पश्चात संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर में संलग्न किया गया है। जहां वानी को आज पर्यन्त तक निलंबन पश्चात बहाल नही किया गया है।⬇️शेष नीचे⬇️

जांच में होगा भ्रष्ट्राचार का खुलासा : वही निलंबन अवधि में भी कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा वेतन भुगतान किया जा रहा है जिसकी जांच कराई जा सकती है। जांच उपरांत व्यापक स्तर पर किये गए भ्रष्ट्राचार का खुलासा होगा। श्रीमती किरण कश्यप प्राथमिक शाला करमीटिकरा, विकासखण्ड पोड़ी उपरोड़ा का कार्यालय कलेक्टर जिला कोरबा के आदेश क्रमांक- 503/ स्था./ 2022 कोरबा, दिनांक 10/09/2024 के तहत प्रशासनिक स्थानांतरण हुआ था।⬇️शेष नीचे⬇️

बिना उपस्थिति के दिया वेतन देने का आदेश : वही स्थानांतरण उपरांत 18/05/2023 को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। दिनांक 05/06/2024 तक कोई कार्यवाही नही किया गया, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश क्रमांक- 3991/ शि. जांच/ 2024- 25 कोरबा, दिनांक- 18/09/2024 के द्वारा इन्हें प्रा. शा. करमीटिकरा एकल शिक्षकीय है। दिनांक- 05/06/2024 से 18/09/2024 तक बिना उपस्थिति का वेतन देने का आदेश दिया गया।⬇️शेष नीचे⬇️

नियम विरुद्ध व अनैतिक कार्य : श्रीमती कश्यप 2 वर्ष तक पदस्थापना में अनुपस्थित रही है। इस प्रकार जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के द्वारा नियम विरुद्ध व अनैतिक कार्य करते हुए शासन को व्यापक स्तर पर आर्थिक क्षति पहुँचाई गई है। जिसका जांच किया जाना जरूरी है। जिला शिक्षा अधिकारी तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय के इस कृत्य से शासन- प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।⬇️शेष नीचे⬇️

शिकायतकर्ता ने की उचित जांच एवं कार्रवाई की मांग : शिकायतकर्ता ने जिला कलेक्टर से उचित जांच एवं कार्रवाई की मांग की है तथा शिकायत पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, सचिव लोक शिक्षण संचनालाय, मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, संचालक लोक शिक्षण संचनालाय व संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर को भेजी है। मामले को लेकर जब जिला शिक्षा अधिकारी श्री उपाध्याय से चर्चा की गई तब उन्होंने शिकायत के संबंध में जानकारी नही होने तथा शिकायत प्रति से अवगत होकर प्रतिक्रिया देने की बात कही।

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