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डा. बिजेन्द सिन्हा जी का सम्पादकीय लेख “जीवनशैली में लाएं बदलाव “

रानीतराई :- वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों के जीवन पर बुरी तरह असर डाला है।हाल ही में समाचार आया है कि युवाओ में बढ रहे हैं हार्ट अटेक की बीमारी। जो मानव जीवन के स्वास्थ्य के लिए चिन्ताजनक है। वर्तमान समय में फैल रही अनेक बीमारियां मनुष्यकृत हैं।चिन्ता कुण्ठा अवसाद आदि विकार मनुष्य जीवन शैली का हिस्सा बनते जा रहे हैं। इससे पार पाने की जरुरत है। मनुष्य की वर्तमान जीवनशैली के अनेकों तौर-तरीके उनके भविष्य की सुरक्षित जीवन की सम्भावनाओं को नष्ट करने के साथ जीवन को विकारों की ओर ले जा रही है बढती आरामपसन्दगी जिन्दगी हमें बीमारी बना रही हैं। संक्रामक रोग काफी हद तक हमारी जीवन शैली से जुड़े हुए हैं। आज के तनावपूर्ण व भागदौड़ की जीवन चर्या के कारण हममें प्राण तत्व व जीवनी शक्ति लगातार कम होते जा रही है। रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण होती जा रही है व हो चुकी है। जिसके कारण हमारा शरीर,शरीर में प्रवेश करने वाले वायरस से लडने की शक्ति खो बैठी है। जीवन शैली के गम्भीर रूप लेते रोगों का समाधान बहुत कुछ व्यक्ति के उपर निर्भर करता है तथा समय रहते अपनी जीवन शैली में बुनियादी बदलाव व आवश्यक सुधार करके बहुत हद तक नियन्त्रण पाया जा सकता है। चिन्ता कुण्ठा अवसाद आदि विकारों से मुक्त होने की जरुरत है। औद्योगिक विकास व शहरीकरण के नाम पर जल वायु मिट्टी आदि को जहरीला बना रहे हैं। पेड पौधों व वनस्पतियों की कटाई के कारण , परिणाम आक्सीजन की कमी के रूप में सामने है।स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति को बचाना व प्रकृति के मानव की निकटता बढाना जरूरी है। हमारे आसपास पीपल नीम तुलसी आदि स्वास्थ्यकारक व जीवनोपयोगी पेड़-पौधे होने चाहिए।
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