रायपुर/अमित गौतम : अमृत मिशन के पीएमसी कार्यों हेतु पूरे राज्य के लिए टेंडर प्रक्रिया के तहत जिस एजेंसी का चयन किया जाएगा वह अमृत मिशन के अंतर्गत चल रहे सभी कार्यों की पीएमसी के रूप में देखभाल करेगी ऐसा अमृत मिशन के कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा दिशा निर्देश जारी किया गया है किंतु सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार सबूत के आधार पर सुडा के अधिकारियों एवं नगरी निकाय के कुछ अधिकारियों के भ्रष्टाचार की वजह से कुछ नगरी निकायों के लिए पृथक से टेंडर की प्रक्रिया की गई जिसमें अपने चाहते खास एजेंसी मेंसर्स पुराणिक ब्रदर्स से मोटी रकम लेकर फायदा पहुंचाने का कार्य किया गया । जिसमें पौराणिक ब्रदर्स पीएमसी को कार्यों हेतु योग्य न होने के बावजूद करोड़ का कार्यदेश दिया गया जिससे शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया गया ।
कुम्हारी,जगदलपुर,भिलाई,बिरगांव,कोरबा में नियम विरुद्ध टेंडर…फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर करवाया गया काम मेसर्स पौराणिक ब्रदर्स द्वारा
इतना ही नहीं जब पीएमसी के कार्यों हेतु पूरे राज्य के लिए मेंसर्स शाह टेक्निकल सर्विसेज एमटीसी का चयन टेंडर प्रक्रिया के तहत किया गया तो एसटीडी से भी सुडा के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार करने हेतु समझौता किया जिसमें कुछ नगरीय निकाय जैसे कि रायपुर, कुम्हारी जगदलपुर,कोरबा, भिलाई चरौदा एवं बिरगांव इत्यादि जगहों में पृथक से टेंडर किया गया जिसमें एमसीसी के इंजीनियर स्टाफ को नहीं रखने हेतु भारी भरकम राशि चार्ज की गई और उन सभी जगह पर पृथक से टेंडर करके मनमाने तरीके से मेसर्स पौराणिक ब्रदर्स को करोड़ों का कार्य सौंपा गया इस कार्य में फर्जी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र लगाए गए यह सारे दस्तावेज हमारे पास मौजूद हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि किस पैमाने पर छत्तीसगढ़ में मनमाने तरीके से अमृत मिशन के कार्यों में भ्रष्टाचार किया गया है ।
अमृत मिशन कार्य के लिए मेसर्स शाह टेक्निकल कंसलटेंट का टेंडर प्रक्रिया के द्वारा चयन किया गया जो कि राज्य में अमृत मिशन के तहत चल रहे सभी कार्यों की देखरेख के लिए नियुक्त किए गए थे जब मेसर्स एस टी सी का चयन किया गया था तब पृथक से करोड़ों का टेंडर क्यों किया गया ? तथा करोड़ों रुपए का चुना शासन को क्यों लगाया गया…..राज्य द्वारा चयनित चयनित पीएमसी मेसर्स एमसीसी को अवार्ड की गई लागत में सभी कार्यों का देखभाल देखरेख किया जाना है किंतु सुडा के अधिकारियों एवं निगम के अधिकारियों की मिली भगत से सात आठ निकायों में अलग से टेंडर किया गया तथा सभी कार्यों को पौराणिक ब्रदर को दिया गया जिससे शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाकर बंदर बांट किया गया प्रथक से किए गए टेंडर में पुराणिक ब्रदर को ही क्यों चयनित किया गया जबकि पुराणिक ब्रदर का रजिस्ट्रेशन डी श्रेणी में आता है अतः वह एक करोड़ से अधिक के कार्यों में भाग नहीं ले सकती जबकि यह सभी कार्य 1 से 6 करोड़ तक की निविदा है यह बहुत बड़ा घोटाला है ।
26 वर्ष की उम्र और 22 साल का वर्किंग अनुभव