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चालक ने खेला-खेल, 20 बोरी में 2 किवंटल 47 किलो धान निकला कम

देवभोग : घूमरगुड़ा मंडी से धान भरकर संग्रहण केंद्र कुंदेलभाठा जाने के लिए निकली ट्रक में 2 किवंटल 47 किलो धान कम पाया गया है। मामले का खुलासा तब हुआ ज़ब संग्रहण केंद्र ने 600 बोरी में से 20 बोरी धान को यह कहकर खाली करवाने से मना कर दिया कि इसमें धान की मात्रा बहुत ज्यादा कम है. संग्रहण केंद्र ने धान को वापस घूमरगुड़ा मंडी भेज दिया.. वहीं वापस भेजे गए धान को लेकर चालक भी मंडी पहुँच गया।

मामले की जानकारी चालक त्रिलोचन ने समिति प्रबंधक देवानंद यादव को दिया। समिति प्रबंधक ने मामले से अध्यक्ष धनसिंग मरकाम को करवाया अवगत। अध्यक्ष और प्रबंधक ने तत्काल मामले की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाया.. इसके बाद जाँच के लिए मौक़े पर नायब तहसीलदार डोमेश्वर साहू पहुँचे।

नायब तहसीलदार ने अपने सामने सभी 20 बोरियों का तौल करवाया. तौल में 20 बोरियों में 2 किवंटल 47 किलो धान कम पाया गया। वहीं समिति प्रबंधक ने नायब तहसीलदार को बताया कि 22 दिसम्बर को ट्रक क्रमांक सी जी 04 जेसी 7003 घूमरगुड़ा मंडी से 600 बोरी धान लगभग(240 किवंटल ) लेकर संग्रहण केंद्र के लिए निकली थी।

580 कट्टा धान मे 20 बोरी धान कम

इस दौरान 24 दिसम्बर को कुंदेलभाठा में धान खाली करने पर 580 कट्टा धान 40 किलो के एवज में सही पाया गया, जबकि 20 बोरी में धान बहुत ज्यादा कम पाया गया. मंडी प्रबंधक ने बताया कि ज़ब उन्हें धान के वापस होने की जानकारी मिली तो वे मंडी पहुँचे. मंडी पहुँचकर देखा तो वापस किये गए बोरियों में जुट की सुतली की जगह प्लास्टिक की सुतली बंधी हुई थी। प्रबंधक ने अपने बयान में जिक्र किया है कि चालक ने उन्हें बताया कि उसने रास्ते में गड़बड़ी किया है. और वह कमी को भी भरने को तैयार है। वहीं बयान दर्ज करने के बाद नायब तहसीलदार ने कहा कि मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारी को सौंपी जायेगी.. उन्होंने कहा कि ऐसी गलतियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

खाली और भरी हुई गाड़ी का करवाए धर्मकांटा

पिछले साल ब्लॉक के सभी धान उपार्जन केंद्रों में आई भारी सुखत को देखते हुए इस बार सभी समितियां फूँक-फूँक कर काम करती दिख रही है.. वही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के ब्रांच मैनेज़र दुष्यंत इंगले भी इस बार बहुत ज्यादा गंभीरता से धान सम्बन्धी मामलों में काम करते हुए उनके अधीनस्थ कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दे रहे है। इसी का परिणाम है कि समितियां धान भरने से पहले खाली गाड़ी का धर्मकांटा और भरने के बाद भरा हुआ गाड़ी का धर्म कांटा करवा रही है.. घूमरगुड़ा में भी पकड़ी गई गड़बड़ी में यही नियम सबसे ज्यादा कारगर सिद्ध हुआ।

रुँधे गले से बोला प्रबंधक पिछले साल हो चुके है बर्बाद

धान की चोरी पकड़े जाने के बाद नायब तहसीलदार से चर्चा करते हुए समिति प्रबंधक रो पड़ा। उसने कहा कि पूरी ईमानदारी से मेहनत करते है.. और अंतिम में हम पर सुखत आ ही जाता है.. और सुखत की भरपाई का ऐसा दवाब रहता है कि घर में जमा रूपये पैसे, सोना चांदी तक बेचना पड़ जाता है।

समिति प्रबंधक ने कहा कि इस बार खाली गाड़ी का और भरने के बाद भरी हुई गाड़ी का किया जाने वाला धर्मकांटा हमारे लिए बहुत ज्यादा मददगार कदम है। इस तरीके से ही इस तरह की चोरी पकड़ा रही है.. समिति प्रबंधक ने रुँधे गले से नायब तहसीलदार से कहा कि यही लोग है जो हमें बर्बाद करते है। इन पर कार्रवाई कीजिये साहब।

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