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मानवीय बौद्धिक संपदा अधिकार पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन


✍️ छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ जिला ब्यूरो चीफ सैयद बरकत अली की रिपोर्ट गरियाबंद


मानवीय बौद्धिक संपदा अधिकार पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

गरियाबंद :- शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम में बौद्धिक संपदा अधिकार व शोध प्रविधि विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन भौतिकशास्त्र व रसायन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। आयोजित सेमिनार में छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के विभिन्न विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के 150 प्रतिभागी सम्मिलित हुए एवं 20 शोधपत्र का वाचन किया गया

दो दिवसीय इस सेमिनार का विधिवत उद्घाटन डॉ. संजीब बैनर्जी,एसोसिएट प्रोफेसर आईआईटी, भिलाई व संस्था प्रमुख डॉ सी एल देवांगन, सेमिनार के संयोजक डॉ गोवर्धन यदु, सहसंयोजक प्रोफेसर एम एल वर्मा, आयोजक सचिव डॉ देवेंद्र देवांगन के आतिथ्य में मां वीणापाणि की पूजा अर्चना के साथ प्रारंभ हुआ तत्पश्चात आमंत्रित अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया उद्बोधन की कड़ी में सर्वप्रथम सेमिनार के संयोजक डॉ गोवर्धन यदु ने सेमिनार की प्रासंगिकता व रूपरेखा पर प्रकाश डाला व उद्बोधन की अगली कड़ी में संस्था प्रमुख ने सेमिनार के आयोजक समिति को अनेकानेक बधाई देते हुए सेमिनार की सफलता के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी एवं भविष्य में भी सतत रूप से इस तरह की सेमिनार के आयोजन की बात कही
प्रथम सत्र के विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित डॉ संजीब बैनर्जी ने अपने व्याख्यान “इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स ” विषय पर गहनता से पेटेंट,कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, ट्रेड नेम्स, ट्रेड ड्रेस, जीआईएस जिसके अंतर्गत फेडरल राइट्स,इंटरनेशनल प्रोटेक्शन,कॉमन लॉ राइट्स, पेटेंट डिजाइन,लीगल मोनोपोली,टाइप्स ऑफ आईपीआर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
द्वितीय सत्र के विषय विशेषज्ञ डॉ बलराम अंबाडे, एसोसिएट प्रोफेसर जमशेदपुर ने अपने व्याख्यान “बौद्धिक संपदा अधिकार” विषय पर सूक्ष्मता से काइंड ऑफ प्रॉपर्टी,नेचर ऑफ़ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी,मेजर इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी, इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी, आईपी लॉ ऑफ इंडिया,स्कोप ऑफ कॉपीराइट्स,पेटेंट के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए
तृतीय सत्र में सेमिनार के संयोजक डॉ गोवर्धन यदु, सहायक प्राध्यापक भौतिकशास्त्र ने अपने व्याख्यान “भारत में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स” विषय पर गहनता से नेचर ऑफ़ आईपीआर, कांस्टीट्यूशनल एस्पेक्ट्स आफ आईपीआर, टाइप्स ऑफ आईपीआर जिनमें इंडस्ट्रियल राइट्स प्रॉपर्टी कॉपीराइट एंड रिलेटेड राइट्स इत्यादि के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए
राष्ट्रीय सेमिनार के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में बौद्धिक संपदा व रिसर्च से जुड़े विभिन्न विषयों पर प्राध्यापकों,शोधार्थियों व विद्यार्थियों द्वारा शोध पत्र का वाचन किया गया इस सत्र के चेयरपर्सन के रूप में डॉ समीक्षा चंद्राकर,सहायक प्राध्यापक राजनीति विज्ञान मंचित रही शोध पत्र वाचन की कड़ी में सर्वप्रथम आकाश बाघमारे ने प्लेगेरिज्म,क्षमा शिल्पा मसीह ने शोध समस्या का चयन,मारकंडे सर ने सोर्स ऑफ डाटा कलेक्शन, श्वेता खरे ने रिसर्च एथिक्स, मनीषा भोई ने प्लेगेरिज्म टेस्टिंग टूल्स,डॉ.देवेंद्र देवांगन ने टाइप्स ऑफ प्लेगेरिज्म व मुकेश कुर्रे ने टाइप्स ऑफ़ रिसर्च पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
तत्पश्चात द्वितीय सत्र में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ रोशन लाल देवांगन सहायक प्राध्यापक साइकोलॉजि आसनसोल, पश्चिम बंगाल ने अपने व्याख्यान “सामाजिक विज्ञान और मानविकी में शोध विधि” विषय पर सूक्ष्मता से शोध का प्रभाव, परिमाणात्मक या गुणात्मक विधि,प्रभाव,प्रायोगिक डिजाइन,सिद्धांत निर्माण, धरातल डिजाइन,रिसर्च मेथोडोलॉजी इन क्लासरूम इत्यादि पर अपने विचार प्रस्तुत किए
तृतीय सत्र के विषय विषय के रूप में डॉ स्वाति सिन्हा एसोसिएट प्रोफेसर आसनसोल पश्चिम बंगाल ने अपने व्याख्यान इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स कॉन्सेप्ट एंड नीड विषय के अंतर्गत आईपीआर दो प्रॉपर्टी नीड आईपीआर एमसीएमसी मारियो व्हेन टू बी ग्रांटेड हाउ टू गेट वेयर टू फाइल एंड एप्लीकेशन प्रोसीजर ऑफ फीलिंग एप्लीकेशन हाउ टू राइट प्रोसीजर इन ऑफिस ड्यूरिंग रायड्स इत्यादि पर सिकंदर से हुआ बड़ी सरलता से अपना विचार प्रस्तुत किया प्रतिभागियों ने आईपीआर व शोध प्रविधि से संबंधित अनेक प्रश्न विषय विशेषज्ञों से साझा किये जिसका बड़ी सरलता से उन्होंने उनके जिज्ञासाओं का समाधान किया तत्पश्चात विभिन्न महाविद्यालय के प्रतिभागियों द्वारा शोध पत्रों का वाचन किया गया इसके पश्चात उपस्थित प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया कार्यक्रम का संचालन श्वेता खरे व मनीषा भोई, सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी ने किया सेमिनार के अंतिम कड़ी में प्रो. एम एल वर्मा ने आभार प्रदर्शन देते हुए दो दिवस तक चलने वाले इस सेमिनार के समापन की घोषणा की।

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