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पुराना धान खपाने की कोशिश , लगातार शिकायत के बाद भी कार्यवाही शून्य

पुराना धान खपाने की कोशिश , लगातार शिकायत के बाद भी कार्यवाही शून्य

धान स्कन्ध में कमी बताकर 8 लाख 51 हजार की क्षति : जनचौपाल में पहुंचा फरियादी

कलेक्टर जनचौपाल गरियाबंद

गरियाबंद। विपणन वर्ष 2020 – 21में धान खरीदी के दौरान बिन्द्रानवागढ़ धान उपार्जन केंद्र में करीब 122 कट्टा पुराना धान खपाने की कोशिश ग्रामीणों की सजगता से नाकाम हो गई थी। इतना ही नहीं खरीदी केंद्र के आस पास के घरों में बड़ी मात्रा में पुराने धान का अवैध भंडारण भी ग्रामीणों की सूचना पर पाया गया था। मौके पर पहुँचे अधिकारियों ने बिक्री किये जा रहे धान का जप्ति नामा बनाया, साथ ही अवैध धान का पंचनामा बनाकर ग्रामीणों की अभिरक्षा में रखवाया गया था। दिसम्बर महीने के आखरी सप्ताह में ये मामला सामने आया था। मामले की लगातार शिकायत के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नही होना जिला प्रशासन की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। आज सोमवार को आयोजित कलेक्टर जनचौपाल में ग्रामीण नंदकिशोर ध्रुव द्वारा पुनश्च इस मामले में कार्यवाही की मांग की गई है।

खरीदी प्रभारी का ही कारनामा

जिस वक्त ये मामला सामने आया था , ग्रामीणों ने इसी खरीदी केंद्र के खरीदी प्रभारी चुन्नूराम पर आरोप लगाया था कि ये पुराना धान उसी ने भेजा है। इतना ही नही खरीदी केंद्र के आस पास के घरों में बड़ी मात्रा में पुराने धान का अवैध भंडारण भी चुन्नुराम यादव द्वारा किया गया है जो कि पिछले वर्ष इसी खरीदी केंद्र में प्रभारी रहा था। चुन्नुराम यादव द्वारा सुखत और शार्टेज के नाम वर्ष 2020 -21 की धान खरीदी के दौरान फर्जीवाड़ा किया गया था। दिनांक 28 दिसम्बर 2021को की गई शिकायत पर खम्हारिपारा पहुंचे अधिकारियों ने 731 कट्टा पुराना धान ग्रामीणों के घरों में पाया था जो इसी समिति का था और उस पर उपार्जन केंद्र बिन्द्रानवागढ़ का स्टेनसील लगा हुआ था।

शिकायतकर्ता नंदकिशोर ध्रुव

तत्काल निलंबित किया गया
मामला सामने आने के बाद आदिमजाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित धवलपुर द्वारा सेल्समैन चुन्नुराम यादव को गुणवत्ताहीन धान विक्रय के प्रयास के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इसके भी पूर्व अत्यधिक सुखत शार्टेज की वजह से चुन्नुराम को खरीदी प्रभार से हटाया गया था। इसके बाद भी ग्रामीण लगातार विधि सम्मत कार्यवाही की मांग कर रहे है । ग्रामीणों द्वारा लागतार कलेक्टर सहित प्रभारी मंत्री तथा अन्य उच्चाधिकारियों के समक्ष आवेदन प्रेषित कर कड़ी कार्यवाही की मांग की जा रही है। किन्तु अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही नही होना जिला प्रशासन के सुस्त रवैय्ये तथा मिली भगत को दर्शाता है।

जांच – जांच के खेल में मामला उलझाने का प्रयास

मामला सामने आने के तत्काल बाद जिला खाद्य अधिकारी के मौखिक निर्देश पर संयुक्त जांच टीम द्वारा मौके पर पहुंच कर जांच की गई थी। इस टीम ने स्पष्ट किया था कि बिन्द्रानवागढ़ उपार्जन केंद्र द्वारा वर्ष 2020 – 21 की धान खरीदी में 1436.56 क्विंटल सुखत बताई गई है किंतु पिछले वर्ष का 851 बोरी ( लगभग 340.4 क्विंटल ) शासन को गुमराह कर चोरी से रखा गया था। धान स्कन्ध में कमी बताकर शासन को 8,51000 रु की क्षतिकारित की गई। इतनी अधिक मात्रा में धान का चोरी होना समिति प्रबंधक तथा खरीदी प्रभारी की संलिप्तता को प्रदर्शित करता है।
अनुविभागीय अधिकारी के स्पष्ट जांच प्रतिवेदन के बाद भी मामले में कार्यवाही करने के बजाए मामले को जांच जांच के खेल में उलझाने का प्रयास किया गया और दूसरी बार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर शाखा गरियाबंद प्रबंधक को जांच सौपी गई। मामला बैंक से संबंधित ना होकर धान खरीदी से संबंधित है, इसके बावजूद बैंक प्रबंधक को जांच किस प्रकार सौपी गई समझ से परे है। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई जांच के बाद कनिष्ठ अधिकारी से जांच करायें जाने का क्या औचित्य है। ग्रामीण शिकायतकर्ता नंदकिशोर ध्रुव के अनुसार बैंक प्रबंधक द्वारा की गई जांच अनेक सवाल खड़े करती है। इस जांच ने मामले को विरोधाभाषी बना दिया है। सम्बन्धितों को बचाने की पूरी कोशिश की गई है। विचार कीजिये कि,अनपढ़ गवाहों ने व्यवहार प्रक्रिया संहिता नियम 04 के तहत नोटराइज्ड शपथपूर्वक बयान दर्ज करवाया और पूर्ववर्ती बयान से मुकर गये। जिले में सांठ गांठ की बदौलत भ्रष्टाचार चरम पर है।

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