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नही चली होशियारी , मिली कदाचार की सजा , प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी निलंबित

किरीट ठक्कर ,गरियाबंद। जिले के नागरिकों को बेवकूफ समझ, होशियारी दिखाने वाले कदाचारी प्रभारी डीईओ डी एस चौहान को अंततः निलंबित कर दिया गया है।

डी एस चौहान के विरुद्ध लगातार शिकायतें आ रही थी। मीडिया में इनके कारनामें लगातार सुर्खियों में थे , जानकारी तो ये भी मिल रही थी कि इनके विरुद्ध अवर सचिव द्वारा चार महीने पहले ही जांच किये जाने का आदेश जारी किया गया था। जांच कार्यवाही में विलंब होने से स्थानीय जनप्रतिनिधियों में भी नाराजगी दिख रही थी। इधर ये तुर्रम खां लगातार घपलेबाजी किये जा रहे थे। आत्मानंद स्कूलों में भर्ती को लेकर इन्होंने अलग ही नियम कानून चलाया था , जिस पर संसदीय सचिव द्वारकाधीश यादव ने संज्ञान लिया और तत्समय कलेक्टर गरियाबंद को उन्होंने पत्र प्रेषित कर हिंदी और संस्कृत जैसे विषयों पर भी अंग्रेजी माध्यम से शिक्षित होने की अहर्ता पर संशोधन की मांग की थी।
विगत 9 वर्षों से अनाधिकृत रूप से शाला से अनुपस्थित शिक्षक गेंदलाल ध्रुव शिक्षक प्रा.शाला बिन्द्रानवागढ़ को नियम विरुद्ध कार्यभार ग्रहण कराने की खबर भी छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़  , में प्रमुखता से प्रसारित की गई थी। इस खबर को स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने संज्ञान में लिया और उच्च स्तर पर शिकायत की गई।

इधर एकल शिक्षकीय शालाओं में अनियमित पदस्थापना को लेकर भी प्रभारी शिक्षा अधिकारी डी एस चौहान ने सुर्खियां बटोरी, जिसकी वजह से शिक्षक विहीन शालाओं की स्थिति निर्मित हुई। बताया जा रहा है कि प्रभारी डीईओ ने पदोन्नति उपरांत पदस्थापना की काउंसिलिंग में शहर से लगे स्थानों को विलोपित कर, काउंसिलिंग में जिन शिक्षकों ने भाग नही लिया उनकी पदस्थापना लेन देन कर, कर दी।
उमेन्द्र साहू सहायक शिक्षक ( एल बी ) विकास खंड देवभोग को निलंबन से बहाल कर विकासखंड परवर्तित किया गया , शिकायत होने पर पुनः विकाशखण्ड देवभोग पदस्थ किया गया , इस मामले में भी लेनदेन के आरोप लगे।

आर पी वर्मा ,अवर सचिव स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार डी एस चौहान का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( आचरण ) नियम 1965 के नियम – 3 के विपरीत गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है। अतएव राज्य शासन द्वारा डी एस चौहान प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी ( मूल पद प्राचार्य ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

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