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देवभोग-सरकार नही कर पा रही खाद की पूर्ति निजी दुकानदारों ने समाला मोर्चा

✍️ छत्तीसगढ़ 24 न्यूज जिला प्रमुख रिपोर्ट सैयद बरकत अली गरियाबंद

देवभोग- दो से तीन दिन में अच्छी बारिश होने की वजह से किसान अब खेतों में खाद डालना शुरू कर दिये है। क्षेत्र के सैकड़ों किसान है जो निजी दुकानदारों से खाद का क्रय करते हैं। किसानों की जरूरत सरकार पूरा नही कर पा रही है। डीएपी, यूरिया,पोटाश जैसे कई उर्वरक की पूर्ति निजी दुकानदार करते दिख रहे है। सरकार को किसानों के लिए जो करना चाहिए था वो काम निजी दुकानदार करते दिख रहे हैं। किसान निजी दुकानों से खाद उर्वरक व दवाई की खरीदी ज्यादा मात्रा में करती दिख रही है। सालों से निजी व्यापारी लाखों का घाटा वहन करते हुए भी क्षेत्र के किसानो को उचित दाम में खाद उर्वरक दवाई उपलब्ध करा रहे हैं। निजी व्यापारी के योगदान व किसान के प्रति समर्पित भाव के चलते ही आज देवभोग के प्रत्येक किसान निजी दुकान से फसल हेतु आवश्यक संशाधनो का लाभ उठा पा रहे हैं। नम्बर 1 डी.ए.पी 14280- 1600रुपये, नम्बर 2 डी.ए.पी. 28280-1700 रुपये, डी.ए.पी 1350 रुपये व यूरिया 266 रुपये तथा पोटाश 1700 रुपये के उचित मूल्य में किसानो को उपलब्ध हो रही है।

किसानो का कहना है कि खाद मंडी में नही मिलने के कारण हम बहुंत परेशान है लेकिन निजी दुकानों से खाद मिलने से हमारी आवश्यकता पूरी हो रही है। जमीनी पड़ताल में ये भी पाया गया कि दर्जनों किसान जो खाद हेतु राशि की पूर्ति नही कर पाते उन्हें मानवता को मध्य नजर रखते हुए निजी दुकानदार उधार के रूप में भी खाद उर्वरक दबाई उपलब्ध कराते दिख रहें हैं। खाद के लिए भटकते किसानो के लिए निजी दुकानदार सहयोगी के रूप में सहयोग करते नजर आ रहे है । प्रशासनिक अधिकारीयों से खाद के उचित पूर्ति हेतु सवाल करने पर ऊपर से मांग करने की बात कहकर गोल मोल जबाब देते हुए जिम्मेदारी से भागते नजर आते दिखे। क्षेत्र के किसान अब सरकार से ज्यादा निजी दुकानदारो पर भरोसा जताते दिख रहे हैं। जताए भी क्यों नही …. एक किसान के लिए फसल ही उसका सबकुछ होता है यदि समय पर फ़सल हेतु खाद उर्वरक दवाइया नही मिली तो बर्बादी के कगार में आ कर सरकारी ऋण तले दब जाते हैं व खुदखुशी करने पे मजबूर हो जाते हैं। ऐसे विषम परिस्थिति व समस्या के दौर में निजी दुकानदार शासन के कड़ी नियम कानून का सामना करते हुए दिन रात एक कर किसानों के संसाधनों की पूर्ति कर क्षेत्र के किसानो के सहयोग करने का बेड़ा उठाये खड़े हैं। खरीदी बिक्री रिकार्ड का भी मिडिया द्वारा पड़ताल किया गया पाया गया निजी दुकानदार पारदर्शी रूप में शासन के नियम कानून के दायरे में कार्य करते हुए किसानो के सहयोग में लगे हुए हैं। इनकी योगदान को कभी नही भूलाया जा सकता है। किसानों ने कहा हमारे सहयोग के लिए निजी दुकानदार हमेशा खड़े नजर आते हैं ये व्यापारी नहीं किसान दूत है।

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