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अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पर ‘दो नर्सों’ को देगी सरकार ‘तोहफा’ स्‍वास्‍‍थ्‍य मंत्री ने दी बधाई

नई दिल्ली: भारत में अब कोरोना (Covid-19) की रफ्तार कम होने लगी है. इसकी वजह काफी हद तक कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) का राष्‍ट्रव्‍यापी कार्यक्रम है, ज‍िसमें लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कई स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों का हाथ है. स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों की मेहनत को बढ़ावा देने के ल‍िए भारत सरकार ने एक नई पहल शुरू की है, जहां उसने शन‍िवार को केरल (Kerala) की दो नर्सों को ‘बेस्‍ट वैक्‍सीनेटर अवॉर्ड’ के ल‍िए चुना है. इनको आठ मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सम्‍मान‍ित किया जाएगा. इन दोनों को केरल की स्‍वास्‍‍थ्‍य मंत्री वीना जॉर्ज ने बधाई दी है।

दोनों को बधाई देते हुए वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के कोव‍िड-19 टीकाकरण को तेजी से पूरा करने के अटूट प्रयासों ने राज्य को महामारी की तीसरी लहर से बचने में मदद की. उन्‍होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम जनरल हॉस्पिटल में ग्रेड वन नर्सिंग ऑफिसर प्रिया और कन्नूर के पय्यान्नूर तालुक हॉस्पिटल में कार्यरत टी भवानी को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान के लिए चुना गया है।



वीना जॉर्ज ने उन सभी स्वास्थ्यकर्मियों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने अस्पतालों में टीकाकरण कार्यक्रम चलाने में मदद की. उन्होंने कहा, ‘राज्य में कोव‍िड-19 की तीसरी लहर पर काबू पाने में टीकाकरण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वीना जॉर्ज ने मीडिया बयान में कहा कि केरल ने सभी के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान स्थापित किया है।

उन्‍होंने कहा कि हमारे टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता के पीछे स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं. राज्य में 15 से 17 वर्ष के बीच के 77 प्रतिशत बच्चों को टीके की पहली खुराक दी गई है, जबकि उनमें से 36 प्रतिशत को दूसरी खुराक मिली है. साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयु के 100 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक दी गई है और 86 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका है।



केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि देश में 15-18 वर्ष आयु वर्ग के 74 प्रतिशत किशोरों को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है जबकि 39 प्रतिशत को दोनों खुराक दी गई है. उन्होंने कहा कि टीके के विकास, तेजी से इस पर कार्य, स्वीकृति, व्यापक कवरेज के कारण कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या काफी कम देखी गई।

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