डोंगरगढ़ से -अभिलाष देवांगन
स्थानीय शासकीय नेहरू महाविद्यालय में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सभागृह में अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर शासकीय नेहरू महाविद्यालय व जनसंवाद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त विवेक वासनिक थे । वही अध्यक्षता पूर्व लोकपाल अमलेंदु हाजरा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में जन संवाद फाउंडेशन के अध्यक्ष रविन्द्र मुदिराज, वरिष्ठ न्यायविद महेश चितवर्कर, दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य के०एल० टांडेकर, प्रेस क्लब डोंगरगढ़ के अध्यक्ष सोन कुमार सिन्हा उपस्थित थे। सर्वप्रथम अतिथियों के द्वारा माँ सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुरुआत किया गया।


कार्यक्रम को सर्वप्रथम सम्बोधित करते हुए मुख्यातिथि विवेक वासनिक ने कार्यक्रम का आयोजन करने वाली संस्था नेहरू महाविद्यालय व जन संवाद संस्था की प्रसंसा करते हुए कहा कि हमारे संत महापुरुषों के द्वारा आदिकाल से समाज को एक सूत्र में बांधे रखने का कार्य करते रहे है। जिसके कारण कभी मानव अधिकार को लेकर वाद विवाद की स्थिति उतपन्न नही हुई। श्री वासनिक ने आगे कहा कि अनेक भाषाओं व धर्म, जाति, पंथ में बटे है फिर भी संविधान के एक सूत्र में एकता के साथ बंधे हुए है। समाज में गरीब, शोषित वर्ग के उत्थान के आधार स्तम्भ मानव अधिकार है और अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जनभागीदारी की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व लोकपाल अमलेंदु हाजरा ने कहा कि कानून के द्वारा लाभदायक परिस्थिति ही अधिकार है जो भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिकों को उनकी स्वतंत्रता, समानता धार्मिकता स्वंत्रता को प्रदत्त करती है। आर्थिक, समाजिक, स्वंत्रता का अधिकार मानव अधिकार के अंतर्गत आता है। हमारी संस्कृति में सर्वे भवंतुसुखिनः ध्येय वाक्य मानव अधिकार को प्रदर्शित करता है। समस्त शासकीय योजनाएं मानव अधिकार का सरंक्षण करती है ।इस सम्बंध में विस्तार से उदाहरण भी प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार व जनसंवाद के अध्यक्ष रविन्द्र मुदिराज ने कहा कि न्यायालय की स्वतंत्र व पत्रकारिता की सक्रियता लोकतंत्र का प्रमुख आधार है। उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ प्रेस पर हो रहे हमले पर गम्भीर चिंता करते हुए कहा कि मीडिया जनता की आवाज होती है जो मानवीय संवेदनाओ को शासन प्रशासन तक पहुचाने का कार्य करती है। लोकतंत्र को बचाये रखने के लिए आलोचना अवयस्क है साथ ही पत्रकार बंधुओ की सुरक्षा के लिए तत्काल अव्यस्यक पहल होनी चाहिए। इसी तरह से राजनांदगांव दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य श्री के०एल० टांडेकर कहा कि मानव अधिकारो के प्रति लोगो के बीच जागरूकता लाने की आवश्यकता है। संविधान में दिए गए अधिकार मानव अधिकार के अंतर्गत आते है।
विद्यार्थी देश के भविष्य है और महाविद्यालय के विद्यार्थियों को देश के आर्थिक, समाजिक, राजनीतिक गतिविधियों से जुड़ना चाहिए जिसके लिए उन्होंने समाचार पत्र, टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग, महापुरुषों एवं अच्छे लेखकों के लिखित पुस्तकों को पाठन के लिए जोर दिया जाए, तो विद्यार्थी ज्ञानवान होगा विशिष्ट अतिथि प्रेस क्लब डोंगरगढ़ के अध्यक्ष सोन कुमार सिन्हा ने कहा कि भारतीय संविधान विभिन्न अधिकारों का वर्णन करता है। लेकिन उसके संरक्षण के लिए शासन के पास कोई निष्पक्ष एजेंसी नही है। जिसके कारण मानव अधिकारों का हनन हो रहा है और प्रार्थी को न्याय नही मिल पा रहा है। मानव अधिकार आयोग के अधिकारी कुछ नही कर पा रहे है। इसलिए व्यवस्था में परिवर्तन की आवश्यकता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों क्रमशः कु० गायत्री नेताम, डाकेश्वर वर्मा, राकेश साहू, अरविंद, कु० पायल कु० विधि सहित अन्य लोगो ने मानव अधिकार दिवस पर अपने विचार रखे और भिन्न-भिन्न प्रश्न भी पूछे जिसका तुरंत उपस्थित पूर्व लोकपाल अमलेंदु हाजरा ने जवाब देते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन मे स्वतंत्रता, समानता व गरिमा का संरक्षण मानव अधिकार करता है। मानव अधिकार आयोग के समक्ष कोई भी व्यक्ति सादे कागज में बिना किसी शुल्क के आवेदन कर सकता है। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय परिवार की ओर से सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में नेहरू महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य रेवती मैडम, डॉ प्रदीप जाम्बुलकर सहित सभी स्टाफ मौजूद थे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ मुन्ना लाल नन्देश्वर ने किया। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन प्राध्यापक आशा चौधरी ने किया।