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विश्व बांस दिवस , बांस हस्त शिल्प का लगा स्टाल

 

किरीट भाई ठक्कर , गरियाबंद। प्रति वर्ष 18 सितम्बर को विश्व बांस दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज इस अवसर पर एच डी एफ सी बैंक द्वारा अनुदान प्राप्त कार्यक्रम” परिवर्तन , एक कदम उन्नति की ओर , के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वुमेन चाईल्ड एन्ड यूथ डेवलपमेंट द्वारा एच डी एफ सी बैंक शाखा के सामने बांस निर्मित वस्तुओं का स्टाल लगाया गया। न्यूशीड के सब्जेक्ट एक्सपर्ट टीकाराम नागेश द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत ” गरियाबंद ट्राइबल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी , द्वारा ग्रामीणों को बांस हस्त शिल्प के प्रशिक्षण एवं निर्माण में सहयोग प्रदान किया जाता है। ग्रामीणों द्वारा निर्मित बांस हस्त शिल्प वस्तुओं के प्रचार ओर उन्हें बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में स्टॉल लगाया गया है।

बांस का महत्व
बांस के महत्व पर प्रकाश डालते टीकाराम नागेश ने बताया कि बांस सतत विकास , पर्यावरण संरक्षण ,सांस्कृतिक संरक्षण और गरीबी उन्मूलन की अपार क्षमता रखता है। मनुष्य जीवन में जन्म से मरण तक बांस उपयोगी है।

बांस एक सदा बहार पौधा

बांस एक सदा बहार पौधा है , इसे आसानी से उगाया जा सकता है। इसे पृथ्वी पर तेजी से बढ़ने वाला लकड़ी का पौधा माना जाता है। भारत में बांस की लगभग 136 प्रजातियां पायी जाती है। बांस की कोंपल भोजन में पोषण का अच्छा स्त्रोत है। बांस का उपयोग आवासीय और व्यवसायिक रूप से किया जाता है । यह अत्यधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल होता है। प्लास्टिक की वस्तुओं से दूरी बनाकर बांस निर्मित वस्तुओं का उपयोग करते हुये हम और आप पर्यावरण संरक्षण , बांस या अन्य पौधों के संरक्षण में सहयोग कर सकते हैं।

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