राष्ट्रीय संगोष्ठी गढ़ों का गढ़ छत्तीसगढ़ का शुभारंभ
संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी गढ़ों का गढ़ छत्तीसगढ़ का शुभारंभ 25.02.2021 को महंत घासीदास स्मारक संग्रालय रायपुर में 11:00 बजे हुआ।
शुभारंभ सत्र में आमंत्रित विशिष्ट अतिथि आचार्य रविंद्र नाथ मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी शोध पीठ, मुख्य वक्ता प्रो डॉ एस के सुल्लरे ,पूर्व विभाग अध्यक्ष जबलपुर विश्वविद्यालय और अतिथि वक्ता प्रो डॉ एल एस निगम कुलपति, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल विश्वविद्यालय भिलाई शामिल हुए।
आचार्य रवींद्रनाथ मिश्रा ने छत्तीसगढ़ के गढ़ों पर अपने निर्देशन में कराए गए शोध कार्यों के संबंध में विस्तार से बतलाते हुए कहां की इस संगोष्ठी से गढ़ों पर हुए नवीनतम शोध सामने आएंगे जिससे प्रदेश का इतिहास समृद्ध होगा मुख्य वक्ता प्रो डॉ एस के सुल्लरे ने हड़प्पा सभ्यता से लेकर मध्यकाल तक गढ़ दुर्ग किलो के संबंध में ज्ञात साहित्यिक एवं पुरातात्विक प्रमाणों के आलोक दुर्ग और दुर्गी करण के विकास क्रम को भारतीय संदर्भ में रेखांकित किया
प्रो डॉ एस निगम ने प्रदेश के छत्तीसगढ़ नामकरण सहित विभिन्न कालों में किस राज्य के नामा विधान पर चर्चा करते हुए महाकौशल नाम के संबंध में प्रचलित भ्रांति के संबंध में भी बताया ।
सचिव संस्कृति श्री अन्नबलगन पी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उपस्थित अध्ययनों और प्रतिभागियों को मौलिक शोध प्रस्तुत करने प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इतिहास लेखन और प्रस्तुतीकरण में और हर नाम एवं तथ्यों का सरल व्यक्ति होनी चाहिए जिससे वह जनसाधारण को भी आसानी से समझ आ सके।
संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व श्री विवेक आचार्य ने स्वागत उद्बोधन और उप संचालक श्री जे आर भगत ने कृतज्ञता ज्ञापन किया इस अवसर पर महासमुंद के शिक्षक द्वय श्री महेंद्र कुमार पटेल और श्री गोवर्धन प्रसाद साहू द्वारा तैयार 36 गढ़ों के नामों पर केंद्रीय वीडियो भी प्रदर्शित की गई आज स्कूल 3 अकादमिक सत्र संपन्न हुए जिसमें 19 शोध पत्रों का वाचन और पावर पॉइंट के माध्यम से प्रस्तुत किया गया अकादमी सत्रों के संचालन में प्रदेश के वरिष्ठ इतिहासकारों एवं पुरातत्वओ डॉ आभा रूपेंद्र पाल श्री जी एल रायकवार डॉक्टर शम्मा चौबे अतुल प्रधान ने सहयोग प्रदान किया सत्रों की रिपोर्टिंग डॉक्टर शैलेश कुमार मिश्र श्री ओम प्रकाश सोनी और डॉक्टर राजीव मींस ने की कल 4 अकादमी सत्रों में लगभग 40 पत्र पढ़ें जाएंगे अकादमिक सत्रों के उपरांत आयोजित संस्कृति कार्यक्रम में भिलाई की संस्था रंगदर्शन के श्री रोहित कुमार साहू और साथियों द्वारा छत्तीसगढ़ के गढ़ों और आंचलिक लोक गीतों पर आधारित नृत्य प्रस्तुति दी गई।