राज्य सरकार के नाक निचे छत्तीसगढ़ की खेती किसानी को नष्ट करने का चल रहा सुनियोजित षड़यंत्र-छग.क्रांति सेना

2 अक्टूबर को “जेल जाबो आंदोलन” लोकतांत्रिक रुप से छत्तीसगढ़ के हजारों किसान के बेटे अपने परिवार सहित रायपुर सेंट्रल जेल में देंगे अपनी गिरफ्तारी

“छत्तीसगढ़-24-न्यूज़”ब्यूरों रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि ही रहा है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहां के खेती किसानी को नष्ट करने का सुनियोजित षड़यंत्र चल रहा है । खेतों पर चौतरफा हमले हो रहे हैं । अन्य प्रदेशों से आकर छत्तीसगढ़ में व्यापार कर रहे लोगों ने नकली कीटनाशक उत्पादकों एवं वितरकों से साठ-गांठ कर छत्तीसगढ़िया किसानों को धोखा दे रहे हैं । जैविक दवा के नाम पर रासायनिक कीटनाशक बेचकर लगभग 13 प्रतिशत जीएसटी की चोरी कर सरकारी कोषालयों को करोड़ों-अरबों का चूना लगा रहे हैं ।

छत्तीसगढ़िया किसानों की जमीन पर खदानों और कारखानों का कब्जा

नकली बीज और महंगे घटिया उर्वरकों से छत्तीसगढ़ के कृषि जगत को पाट दिया गया है । इन सबका दुष्परिणाम यह निकल रहा है कि पहले से ही इन्हीं बाहरी सूदखोरों के कर्ज में लदे किसान अपने फसल की बरबादी से हताश होकर एवं अपनी मिट्टी की उर्वरता खत्म होते देख कर सैकड़ो की संख्या में आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं । छत्तीसगढ़िया किसानों को उनकी पुरखौती जमीनों से बेदखल कर उन जमीनों को कब्जा करके खदानों और कारखानों में बदलने तथा इन्हीं किसानो को औद्योगिक मजदूरों में बदलने की एक बड़ी साजिश का ही यह हिस्सा है ।

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना विगत तीन वर्षों से लगातार इन परप्रांतीय व्यापारियों का पर्दाफाश कर रहा है । इन वर्षों में अनेक छोटे-बड़े विरोध प्रदर्शनों एवं विधिवत संबंधित विभागों में शिकायतों के बाद भी शासन-प्रशासन अभी तक इन मिलावटखोरों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाई है । नकली उत्पादों का सीलबंद सैंपल देने के बाद भी नियमतः पांच स्तरों में जांच करने में कोताही बरती जाती है ।

छत्तीसगढ़िया किसानों में पैदा होने लगा प्रबल आक्रोश

फैक्ट्रियों और दुकानों में व्यापारियों को पूर्वसूचना देकर दिखावे की छापेमारी करने की खबरें मिल रहीं हैं ।
छत्तीसगढ़िया किसानों में प्रबल आक्रोश तब पैदा होने लगा जब पिछले दिनों जांजगीर जिले में कुछ युवा किसान नकली कीटनाशक विक्रय की सूचना पर कृषि विभाग को शिकायत कर उत्पादों की पतासाजी करने गये तो फरजीवाड़ा करने वाले इन्हीं व्यापारियों ने प्रशासन से मिलीभगत करके किसानों को ही झूठे मामलों में फंसाने का काम किया ।

बाहरी व्यापारी-उद्योगपतियों से याराना और अपने ही घर के किसानों से सरकार द्वारा शत्रुता का भाव

आज जब नकली कीटनाशक , नकली बीज, नकली खाद के व्यापारियों की हिमाकतें बढ़ती ही जा रहीं हैं, सरकार इन पर लगाम लगाने के बजाय इन्हीं के साथ खड़ी दिखाई दे रही है, छत्तीसगढ़िया माटीपुत्र किसानों को अपनी शेष जिंदगी जेल में बिताने के सिवाय और कोई चारा नजर नहीं आ रहा है । बाहरी व्यापारी-उद्योगपतियों से याराना और अपने ही घर के किसानों से शत्रुता का भाव रखने वाली सरकार चेत जाए, अपनी नीतियां बदले या फिर हम छत्तीसगढ़ के मूल निवासी किसानों को अपनी जेलों में सड़ा कर मार डालें ।
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को “जेल जाबो आंदोलन” कर रही है जिसमें लोकतांत्रिक रुप से छत्तीसगढ़ के हजारों किसान के बेटे अपने परिवार सहित रायपुर सेंट्रल जेल में अपनी गिरफ्तारी देंगें ।

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