केन्द्रीय मंत्री श्री कुलस्ते एवं श्री पटेल ने किया स्थानीय उत्पाद मेले का शुभारंभ कहां ‘कोदो-कुटकी’ और मोटे अनाजों को अच्छी कीमत मिलने की भरपूर संभावना
ब्यूरों रिपोर्ट-“छत्तीसगढ़-24-न्यूज़”
MP मंडला-’एक जिला-एक उत्पाद’ योजना में मंडला जिले से चिन्हित कोदो-कुटकी के उत्पाद तथा गोंडी पेंटिंग एवं स्थानीय उत्पादों के प्रदर्शन पर आधारित ’’कोदो-कुटकी तिहार’’ का कान्हा क्षेत्र के मोचा पंचायत भवन परिसर में शुभारंभ किया गया। 10 से 17 अक्टूबर तक चलने वाले इस उत्पाद मेले का शुभारंभ केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय खाद्य प्र-संस्करण एवं जल शक्ति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने किया।
कोदो-कुटकी तिहार के शुभारंभ के अवसर पर केन्द्रीय खाद्य प्र-संस्करण एवं जल शक्ति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने एवं बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोदो-कुटकी तिहार जैसे कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों की खान-पान एवं जीवन शैली पर्यावरण पर आधारित एवं प्रदूषण रहित रही है। हम सभी को स्वस्थ जीवन के लिए उनकी खान-पान एवं जीवन शैली को अपनाना चाहिए।
कोदो-कुटकी उत्पादों की मिलेगी अच्छी कीमत
केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि कोदो-कुटकी तिहार के माध्यम से मंडला जिले के स्थानीय उत्पादों एवं व्यंजनों के बारे में पर्यटकों को बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी सहित स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए स्व-सहायता समूहों को मजबूत करते हुए उनके माध्यम से प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग की व्यवस्था कराना होगा। आगामी वर्षों में कोदो-कुटकी एवं मोटे अनाजों की अच्छी कीमत मिलने की भरपूर संभावना है। इसके लिए किसानों को अभी से तैयार करने की आवश्यकता है।स्थानीय उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करना होगा। श्री कुलस्ते ने कोदो-कुटकी तिहार में महुए के लड्डू एवं कोदो-कुटकी के उत्पादों की सराहना की।
राज्यसभा सांसद श्रीमती संपतिया उईके ने कहा कि ’’एक जिला-एक उत्पाद’’ के तहत् मंडला जिले से चिन्हित कोदो-कुटकी के उत्पाद, गोंडी पेंटिंग एवं हर्बल पेय के प्रदर्शन एवं आमजनों को इसकी जानकारी देने के लिए ’’कोदो-कुटकी तिहार’’ का आयोजन जिला प्रशासन का अनूठा प्रयास है। उन्होंने कोदो-कुटकी में विद्यमान पोष्टिकता के बारे में चर्चा की। साथ ही कोदो-कुटकी के माध्यम से कुपोषण को दूर करने की संभावना के बारे में भी बताया।