
मिस्र के दक्षिणी हिस्से में स्थित असवान में बिच्छू के डंक से तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि उनके हमले से 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. विशेषज्ञों ने कहा है कि सांपों के साथ जानवरों के काटने की घटनाएं इसलिए सामने आई हैं, क्योंकि भारी बारिश की वजह से इन जानवरों के छिपने वाले स्थानों में पानी भर गया. इस वजह से सांप और बिच्छू अपने आवास से बाहर आ गए हैं और सड़कों और लोगों के घरों में आश्रय लेने को मजबूर हुए हैं।
असवान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अवर सचिव एहाब हनाफी ने शनिवार को मिस्र के समाचार पत्र अल-अहराम को बताया कि सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है. भारी बारिश और तूफान की वजह से न सिर्फ जानवरों को बाहर निकलने पर मजबूर होना पड़ा है, बल्कि खराब मौसम की वजह से बिजली कटौती भी देखने को मिली है. तूफान की वजह से स्ट्रीट लाइट और पेड़ टूटकर सड़कों पर गिर गए हैं. अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर के निवासियों को लगातार इस बात की चिंता है कि भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ सकती है।
डॉक्टरों को बुलाया छुट्टियों से वापस
हनाफी ने बताया कि असवान के अस्पताल आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं. जहर रोधी दवाओं को आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है और डॉक्टरों को छुट्टियों से भी वापस बुलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहाड़ों और रेगिस्तान के पास के गांवों में मेडिकल यूनिट्स को अतिरिक्त मात्रा में एंटी-वेनम उपलब्ध कराया गया है. शुक्रवार को, असवान के गवर्नर अशरफ अत्तिया ने अस्थायी रूप से नील नदी और नासिर झील में जहाजों को शहर के बहुत करीब जाने से रोकने का आदेश दिया था. उन्होंने तूफान के कारण दृष्टि कम होने की रिपोर्ट की वजह से कुछ सड़कों को अस्थायी रूप से बंद करने का भी आदेश दिया।
सांप-बिच्छुओं के लिए बनी भारी बारिश आफत
नागरिकों से आग्रह किया गया कि वे घर पर रहें और बहुत अधिक पेड़ वाले क्षेत्र में ड्राइविंग या पैदल चलने से बचें. हालांकि, गवर्नर ने शनिवार को नील नदी में जहाजों के यातायात और सड़कों को फिर से शुरू करने का आदेश दिया. गीजा में कृषि अनुसंधान केंद्र के एक प्रोफेसर अहमद रिज्क ने अल वतन अखबार को बताया कि भारी बारिश की वजह से बिच्छू और सांप बाहर आए हैं. इन्होंने अब शिकारियों से बचने के लिए लोगों के घरों में शरण लेना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से ये लोगों को अपना शिकार भी बना रहे हैं. ये ऊंचाई वाले इलाकों को छिपने के लिए तरजीह दे रहे हैं.
