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धान की कटाई – मिंजाई तेज होते ही मजदूरों की बढ़ी पारिश्रमिक

गांवों में मजदूरों की किल्लत, धान की कटाई और मिंजाई के चलते गांव की गलियों में 11 बजे के बाद पसर जाता है सन्नाटा नजर नही आते लोग 

निर्मल पटेल की रिपोर्ट 

डाही / खरीफ सीजन की कटाई – मिजाई तेज होने से डाही अंचल में मजदूरों की डिमांड बढ़ गई है । मजदूरों की किल्लत होने से पारिश्रमिक में बढ़ोत्तरी हुई है । मज़दूरी 200 से बढ़कर 250 व 300 रुपये तक पहुंच गई है । क्योंकि इन दिनों गांवों में मजदूरों की अधिक डिमांड है । बढ़ोतरी और अधिक काम मिलने से इन दिनों मजदूरों की बन आई है । काम अधिक और मजदूर कम होने से गांवों में मज़दूरों की किल्लत भी बनीं हुईं है । बेमौसम बारिश होने से खरीफ सीजन के धान फसल कटाई मिजाई डाही अंचल में पिछड़ गई है । सभी किस्म की धान फसल की कटाई और मिजाई एक साथ होने के कारण गांवों में मजदूरों की डिमांड बढ़ गई है ।



खेती किसानी कार्य में हर वर्ग व्यस्त हैं । काम करने मजदूर नही मिलने के कारण जरुरत मंद किसानों ने मजदूरों के मजदूरी बढ़ा दी है । ताकि उन्हें अधिक कटाई शुरू होने से पहले अंचल में महिला मजदूरों की मजदूरी 150 से 200 रुपये चल रही थी । लेकिन धान कटाई में मजदूरी दर 120 से 130 रुपये तक हो गई है । इससे मजदूरों का बल्ले बल्ले है । कुछ मजदूरों तों अलसुबह से काम पर जाकर देर रात तक काम करके एक दिन में दो दो रोजी कमा रहे हैं । महिलाएं सुबह से धान कटाई करने निकल जाती है ।



कुछ महिलाएं धान कटाई की ठेका लेकर कम समय में फसल की कटाई कर अधिक मुनाफा कमा रही है । मजदूर व किसान सुबह से काम पर चले जाते हैं । जिससे गांव गांव में सन्नाटा पसर जाता है । 11 बजे के बाद गांवों की गलियों में लोग नजर नही आते । धान कटाई मिजाई करीब माह भर चलेगा । धीरे धीरे काम खत्म होने के बाद मजदूर व किसान खाली हो जाएंगे । तब जाकर गांवों में मजदूरों की किल्लत दूर हो पाएगी ।

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