✍️छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ जिला संवाददाता विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद
देवभोग-गरियाबंद जिला देवभोग विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोहेकेला में बना चेक डैम निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार करने की खबर प्रमुखता से सामने आई है ग्रामीणों का आरोप है कि गोहेकेला के सरपंच पति पंचायती कार्य में हमेशा से ही दखल अंदाजी करते आ रहे हैं और पंचायत में जितने भी निर्माण कार्य हो रहे हैं उसमें हमेशा स्थल में पहुंचकर कार्य करवाते हैं व लगातार दखल अंदाजी करते आ रहे हैं चेक डैम निर्माण कार्य के लिए आवंटित की गई राशि को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर चेक डैम निर्माण में एक और इस्टीमेट को दरकिनार करते हुए व सरकारी नियमों का धज्जियां उड़ाते हुए कार्य को किया गया है जिससे कि चेक डैम की गुणवत्ता पर जरा सी भी ध्यान नहीं रखा गया है ग्राम पंचायत गोहेकेला में दो चेक डैम की प्रशासकीय स्वीकृति हुई है और दोनों चेक डैम के लिए करीब बीस लाख की प्रशासकीय स्वीकृति हुई है जिससे कि चेक डैम निर्माण हो सके लेकिन सरपंच पति व सचिव ने निर्माण कार्य को भ्रष्टाचार का भेट चढ़ा रहे हैं व सरकारी नियमों का जरा सा भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है जिसके चलते अपने मनमाने ढंग से निर्माण कार्य को किए हैं
इसलिए बनाए जाते हैं चेक डेम….
पंचायतों में चेक डैम निर्माण इसलिए किया जाता है कि गांव के आसपास बारिश का पानी एकत्रित हो सके जिसमें ना केवल पंचायत क्षेत्र का जलस्तर बड़े बल्कि चेक डैम के पानी का उपयोग भीषण गर्मी व जल संकट और कृषि कार्य में भी ग्रामीण इसका उपयोग कर सके लेकिन गोहेकेला पंचायत के इस चेक डैम निर्माण में गुणवत्ता को लेकर सरपंच पति की मनमानी आगामी दिनों में जल संकट का एक बड़ा कारण बन सकता है
केवल कागजों तक सीमित चेक डैम का स्टीमेट व मूल्यांकन…..
इन दिनों मनरेगा कार्य को लेकर एजेंसी व विभागीय कर्मचारी, अधिकारी पैसा कमाने का बड़ा जरिया मान रहे हैं और ऐसा ही मामला अब गोहेकेला पंचायत में देखा जा रहा है जहां सरपंच पति सचिव व विभागीय कर्मचारी अधिकारी मनरेगा कार्य में जमकर भ्रष्टाचार करते आ रहे हैं स्टीमेट को एक और दरकिनार कर मटेरियल का मूल्यांकन भारी भरकम किया जा रहा है क्योंकि चेक डैम निर्माण का कार्य गोहकेला के नाला में हुआ है और नाला से बस्ती की दूरी अधिक होने के कारण बहुत कम ग्रामीणों का आना-जाना उस जगह में होता है जिसके चलते ऐजेंसी व विभागीय कर्मचारी अधिकारी निर्माण हुए कार्य का मूल्यांकन में जमकर भ्रष्टाचार कर फायदा उठा रहे हैं ग्रामीणों के कथित बयान के अनुसार चेक डैम निर्माण में जमीन लेवल से नीचे मात्र एक फीट की गहराई को खोदकर बेस किया गया है लेकिन सरकारी इस्टीमेट कुछ और कहता है सरकारी इस्टीमेट के अनुरूप जमीन से नीचे की गहराई डेढ़ मीटर होने का है लेकिन विभागीय कर्मचारी अधिकारी व एजेंसी अधिक मुनाफा कमाने के चलते जमीनी स्तर पर ही बेस डाल कर नीचे डेढ़ मीटर का मूल्यांकन किया जा रहा है इन सभी कार्यों का जिले के उच्च अधिकारियों व ग्रामीणों की उपस्थिति में जांच करवाया जाए तो सबसे बड़ी भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है और क्षेत्र में ऐसे ही निर्माण हुए मनरेगा कार्य जैसे देवभोग पंचायत, घोघर पंचायत, शुकलीभाठा नवीन, चिचिया , बरबहली आदि पंचायतों का जमीनी स्तर से जांच किया जाए तो सबसे बड़ी भ्रष्टाचार का पोल खुल सकता है और विभागीय कर्मचारी अधिकारी की लापरवाही साफ उजागर हो सकती है
जब इस गुणवत्ता हीन चेक डैम निर्माण के संबंध में गोहेकेला के सचिव चित्त रंजन ठाकुर से छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ ने जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि मैं देख कर बताऊंगा अभी मैं कुछ बता नहीं सकता
मैं इस्टेटमेंट दे नहीं सकता आपको छापना हैं तो छापों..
तकनीकी सहायक कौशल नेताम
छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़- इस भारी-भरकम मनरेगा कार्य में हुए भ्रष्टाचार को लेकर अगले अंकों में परत दर परत खुलासा करेगा