दूर हुआ बैगाओं का टेंशन, घर-घर मिल गया नल कनेक्शन

राज्य के भूपेश सरकार की बेहत्तर पहल से जल जीवन मिशन से बैगा जनजाति परिवारों को मिलने लगा है स्वच्छ पेयजल

“छत्तीसगढ़-24-न्यूज़” संतोष देवांगन

राज्य में जब से सत्ता पर कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार बैठी है तब से श्री बघेल सबसे पहले सुदूर वनांचल पहाड़ी में बैगा बाहुल्य क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल को विशेष महत्त्व देते हुए राज्य के ग्रामीणों को बेहत्तर सुविधा मुहैय्या कराने साथ साथ सभी क्षेत्रों में चारों ओर विकास की गंगा बहा दी है।

यह बात तो सभी जानते है कि “जल है तो जीवन है” लेकिन बेहतर और स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ और शुद्ध पानी अर्थात पेयजल सबकी महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है। जिले में निवास करने वाले बैगा जनजाति परिवारों के लिए भी पानी यानी पेयजल उनकी महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है। उन्हे अपनी जरूरतों के लिए कभी नदी तो कभी दूर दराज के नालों, झरनों का सहारा लेने पड़ता था।  लेकिन अब ऐसी बात नहीं रही। पानी को लेकर हमेशा परेशानी झेलते आये इन परिवारों का टेंशन जल जीवन मिशन ने दूर कर दिये है। उनके घरों में भी नल कनेक्शन दे दिये गये है और वे अपने घर में ही नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्राप्त कर रहे है।

 
    

जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले के विकास खण्ड लोरमी के सुदूर वनांचल क्षेत्र बैगा बाहुल्य ग्राम पंचायत कारी डोंगरी के आश्रित ग्राम साभरधशान, बाकल और बोकरा कछार के सभी घरो में नल कनेक्शन दिये गये है। इससे वे बहुत खुश है।  खासकर महिलाएं जो पानी के लिए नदी जाती थी और अपने सिर पर बड़ा बर्तन उठाकर कठिनाईयों का सामना करते हुए लम्बी सफर तय कर पानी घर लाती थी। वह अपने घर के पास नल पाकर बहुत राहत महसूस कर रही है।

बतादे की बैगा जनजाति की श्रीमती चंद्रिका बाई ने चर्चा के दौरान बताया कि पहले पेयजल के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था। घर पर नल लग जाने से अब उन्हें न तो नदी जाना पड़ता है और न ही सिर पर बोझ उठाकर लम्बी सफर तय करना पड़ता है। बैगा जनजाति की ही लगभग 60 साल की सतनी बाई ने बताया कि गाँव में एक ही बोरिंग थी। बोरिंग के बिगड़ने पर गाँव की महिलाओं के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो जाती थी। सभी को दूर तक पैदल चलकर नदी से पानी लाना पड़ता था। बारिश के दिनों में पैदल पानी लाना और भी बडी परेशानी थी। सतनी बाई ने बताया कि घर में नल लग जाने से सभी को साफ पानी मिल रहा है।

ग्राम बाकल की लखन बैगा, ग्राम बोकरा कछार की ईश्वरी पोर्ते के अलावा ग्राम की अन्य महिलाओं ने कहा कि  पानी की जरूरत कब किस घर में नहीं होती। पहले पानी के लिए बार-बार नदी की दौड़ लगातेे थे। इससे घर का अन्य कामकाज भी प्रभावित होता था। उन्हें पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिल पाता था। अब जबकि नल लग गया है तो उनकी मुसीबत दूर हो गई है। महिलाओं ने बताया कि पानी लाने के लिये नदी जाना है यह सोचकर ही बहुत तनाव हो जाता था। अब हम सभी खुश है कि नल हमारे घर में ही लग चुका है। महिलाओं ने नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने पर शासन प्रशासन के प्रति अभार व्यक्त किया।

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