गरियाबंद। कोरोना काल के दौर में भी महात्मा गांधी नरेगा ने ग्रामीण मजदूरों का हाथ थामे रखा , और काम दिया, जिससे योजना में श्रमिकों की निर्भरता बढ़ती जा रही है। योजना से जुड़े श्रमिक प्रतिदिन तालाब गहरीकरण, नया तालाब निर्माण, डबरी निर्माण, मिट्टी सडक, नहर सफाई जैसे विकास कार्यों सहित अन्य मजदूरी मूलक कार्यों में, रोजगार प्राप्त करते हुये परिसंपत्तियो का निर्माण कर रहे हैं। 20 दिसम्बर तक मनरेगा के 1902 कार्यों में 79 हजार 425 श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया। मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है। किसान अब फसल कटाई के कार्य से धीरे-धीरे निवृत्त हो रहे हैं। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोक्तिमा यादव ने बताया कि जिले में मनरेगा जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कलेक्टर प्रभात मलिक के निर्देशन में मनरेगा का कार्य सुचारु रुप से संचालित किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिये है कि हर हाथ को काम मिले और मांग आधारित योजना के माध्यम से लोगो को रोजगार मिले। प्रत्येक ग्राम पंचायत में कार्यों को शुरू करते हुये जॉब कार्डधारी परिवार को रोजगार मुहैया कराया जाये ताकि गांव से पलायन की स्थिति निर्मित न हो। उन्होंने जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी को नियमित रूप से मनरेगा के कार्यो की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए है।
322 ग्राम पंचायतों में चल रहा है मनरेगा का काम
जिले की 336 ग्राम पंचायतों में से 322 ग्राम पंचायतों में 1902 मनरेगा के कार्य चल रहे हैं, जिनमें 79 हजार 425 मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। जैसे-जैसे धान को बेचकर किसान फुर्सत हो रहे है, वैसे-वैसे मनरेगा कार्यों में सहभागिता बढ़ती जा रही है। जिले की जनपद पंचायत छुरा में 69 ग्राम पंचायतों में 389 कार्यों में 13 हजार 953 श्रमिकों को काम दिया जा रहा है। इसी तरह जनपद पंचायत देवभोग में 53 ग्राम पंचायतों में 348 कार्यों में 12 हजार 945 श्रमिकों को काम दिया जा रहा है। जनपद पंचायत फिंगेश्वर में 65 ग्राम पंचायतों में 255 कार्यों में 12 हजार 612 श्रमिक काम करते हुए रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। जनपद पंचायत गरियाबंद में 62 ग्राम पंचायतो मे 345 कार्यों में 18 हजार 811 श्रमिकों को कार्य दिया जा रहा है। जनपद पंचायत मैनपुर में 73 ग्राम पंचायतों में 565 कार्यों में 21 हजार 104 श्रमिकों को काम दिया जा रहा है।