दुर्ग के पाटन क्षेत्रों के आरामीलों में हो विभाग की गोपनीय छापेमार कार्रवाही जिसकी भनक रेंजर,डिप्टी रेंजर व् अन्य कर्मचारियों को भी न हों ..क्योंकि दाल में काला है…?
संतोष देवांगन “छत्तीसगढ़-24-न्यूज़”
राजनांदगांव- जंगल में पेड़ों के करीब उगने वाले खरपतवार को हटाने के लिए राज्य शासन ने इस साल राजनांदगांव और खैरागढ़ वन मंडल को करीब दस करोड़ से अधिक की राशि जारी की थी। शासन ने साफ तौर पर कहा था कि खरपतवार के कारण पेड़ों की वृद्धि नहीं हो पाती है, इसलिए कैंपा मद से करोड़ों रुपए की राशि जारी की गई थी। वन विभाग के अफसरों ने बिना किसी कार्ययोजना के ही यह राशि कागजों में खर्च कर दी है।
दुर्ग के पाटन क्षेत्रों के आरामीलों में हो विभाग की गोपनीय छापेमार कार्रवाही, जिसकी भनक रेंजर व् अन्य कर्मचारियों को भी न हों
इतना ही नहीं पाटन क्षेत्र के आरामीलों में भी प्रतिबंधित इमारती पेड़ों की गोला और लकड़ी भरपूर मात्रा में मिलेंगे लेकिन डिप्टी रेंजर और रेंजर वहा आँख उठाकर भी नहीं देखते क्यों..? क्या इन रेंजरों की आरामिल मालिकों से हप्ता – महीना बंधा है इस कारण…? पाटन में पिछले सप्ताह तो एक सज्जन न जाने क्यों 100रूपये का बंडल लेकर अपने साथी के साथ ऑफिस जहां परिक्षेत्र अधिकारी खान आये हुए थे में घूंसा फिर नास्ता पार्टी चली फिर मुस्कुराते हुए चले गए। प्रश्न ये उठता है की वन विभाग द्वारा लकड़ियों की नीलामी का रकम तो मुख्यालय में जमा हो जाती है पर क्यों और व्यापारी एक्स्ट्रा अधिकारीयों को गिफ्ट करते है… ‘क्या दाल में काला है’…? कार्रवाही तो सिर्फ दिखावा है हकीकत कुछ और। …छोटे कर्मचारियों को समझते है नौकर, झाड़ते है अधिकारी उन पर रौब।
फर्जी हाजिरी और फर्जी बिल देयकों के जरिये रेंजरों ने किया जमकर वारा-न्यारा
जानकार सूत्रों ने बताया कि राजनांदगांव वन मंडल के अधीन उत्तर मानपुर और दक्षिण मानपुर में सर्वाधिक गड़बड़ी की गई है। वहीं खैरागढ़ वन मंडल के अधीन आने वाले साल्हेवारा रेंज में अफसरों ने लेनटाना उन्मूलन के प्रोजेक्ट को ही ध्वस्त कर दिया। बताया जाता है कि फर्जी हाजिरी और फर्जी बिल दयकों के जरिये रेंजरों ने जमकर वारा-न्यारा कर दिया है। इस मामले में कुछ नेताओं की भूमिका भी सामने आ रही है। बताया जाता है कि रेंजरों के पास मिले इस फंड के बंदरबाट में कुछ नेताओं की भी हिस्सेदारी है।
शीर्ष अफसरों को दिखाने रची गई यह साजिश
सिर्फ सड़कों के करीब काम : वन विभाग के कुछ अफसरों ने लैनटाना मद की राशि का उपयोग सिर्फ सड़कों के किनारे लगे पेड़ों के आसपास किया है। शीर्ष अफसरों को दिखाने के लिए यह साजिश रची गई है। जिले के मोहला, मानपुर और चौकी सल्हेवारा, गंडई, आदि के इलाकों में सड़क से लगे जंगल के आसपास ही लैनटाना हटाया गया है। वहीं जंगल के भीतर यह राशि खर्च ही नहीं की गई है।
फर्जीवाड़े की खुलेगी पोल,जांच के लिए पहुंची जबलपुर से टीम
राजनांदगांव और खैरागढ़ वन मंडल को लैनटाना उन्मूलन के लिए मिली राशि में गड़बड़ी किए जाने की शिकायतें सामने आने के बाद शासन स्तर पर भी इसकी शिकायत किए जाने की तैयारी है। बताया जाता है कि कैम्पा मद से होने वाले कामों की जांच के लिए जबलपुर से एक टीम भी इन दिनों छत्तीसगढ़ में है। शिकायतकर्ताओ द्वारा पूरे साक्ष्य के साथ शिकायत किए जाने की तैयारी की गई है। इस पूरे मामले को लेकर डीएफओ संजय यादव का कहना है कि लेनटाना उन्मूलन के लिए राज्य के शासन द्वारा के मद से राशि दी गई थी। इसके तहत जंगल मे खरपतवार को हटाया गया है। यदि किसी रेंज में गड़बड़ी हुई है, तो उसकी जांच कराई जाएगी।
