कचना धुरुवा की अमर प्रेम कहानी पर फ़िल्म बनाने की तैयारी

✍️छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ जिला संवाददाता विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट गरियाबंद 

गरियाबंद– शस्य श्यामला भूमि छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने अपने हाथों से संवारा है एवं इसे अकूत प्राकृतिक खजाना सौंपा है। इसके चप्पे चप्पे में प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा है तो साथ ही सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक लोक गाथाएं भी बिखरी पड़ी हैं। कचना धुरुवा का प्राचीन स्थल राजिम गरियाबंद के मुख्य मार्ग पर रायपुर से 77 किमी की दूरी पर स्थित है, जो गोंड़ राजाओं के देवता के रुप में सदियों से पूजनीय हैं। कचना एवं धुरुवा की अमर प्रेम कहानी यहाँ के वनांचल की वादियों में गुंजती है। जिस पर अब छत्तीसगढ़ी फ़िल्म बनाने की तैयारी चल रही है। बता दें कि हिरवानी फ़िल्म प्रोडक्शन राजनांदगाँव के प्रोडक्शन में बनने वाली आगामी छत्तीसगढ़ी फ़िल्म कचना धुरुवा अमर प्रेमकथा के लेखक व निर्माता गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के छोटे से गाँव तौरेंगा निवासी युमेन्द्र कश्यप हैं। जिन्होंने इस सम्बंध में बताया कि यह फ़िल्म पूरी तरह कचना और धुरुवा की वास्तविक जीवन पर आधारित है। लोकगाथाओं के अनुसार ही फ़िल्म की कहानी तैयार की गई है। जहाँ एक ओर लांजीगढ़ में भयंकर दुर्भिक्ष पड़ता है। राजा सिंहलसाय और रानी गागिन बाई को उड़ीसा में शरण लेना पड़ता है। धुरुवा के पिता सिहंलसाय को भूँजिया राजा द्वारा मार कर छुरा पर क़ब्ज़े से लेकर कचना और धुरुवा के अमर प्रेम कहानी का समावेश है, जो कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद, बालोद और कांकेर जिला में फ़िल्म की शूटिंग जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में होगा। फ़रवरी तक यह फ़िल्म दर्शकों को देखने मिलेगा।

निर्माता व लेखक श्री कश्यप ने आगे कहा कि आज के परिवेश में इस तरह की फ़िल्में नही बनाई जाती। कचना धुरुवा के प्रेम का अमर प्रतीक मानकर आज तक पूजा जा रहा है। कचना धुरुवा के मंदिर में लोग मिट्टी के घोड़े बैल आदि चढ़ाते हैं तथा मन्नत मांगते हैं। हमारी यह कोशिश है कि छत्तीसगढ़ के अतीत के इस अमर प्रेमगाथा को फ़िल्म के माध्यम से दिखाकर हमारी विरासत, हमारी सभ्यता, संस्कृति की स्मृति को तरोताज़ा करना है।

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VIKRAM NAGESH
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विक्रम कुमार नागेश ( जिला संवाददाता) सैयद बरकत अली (जिला ब्यूरो) कार्यक्षेत्र - गरियाबंद
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