निर्मल पटेल की रिपोर्ट
डाही / सोमवार शाम को हर घर में विधि विधान के साथ भगवान शालिग्राम का तुलसी के साथ विवाह संपन्न कराया गया । पौराणिक मान्यताओं में चार माह की योग निद्रा के बाद इस त्यौहार के दिन भगवान विष्णु जाग्रृत होते हैं । इसे प्रबोधनी अथवा देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है ।
मान्यता के अनुसार तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के रुप शालिग्राम के साथ करने से घर में सौभाग्य आता है । देवउठनी एकादशी के साथ ही विवाह मुहूर्त की भी शुरुआत हो जाती है । देवउठनी एकादशी के अवसर पर घर -घर तुलसी का विवाह रचाया गया ।
महिलाओं तथा युवतियों ने परिवार की सुख समृद्धि की कामना के लिए निर्जला उपवास रखा तथा शाम को विधि विधान से तुलसी शालिग्राम का विवाह संपन्न हुआ । शाम होते डाही सहित आसपास के गांवों में घर , आंगन , द्वार , गलियां , मिट्टी के दियों से जगमगा रहा था ।
इस दिन पर्व पर उपयोग पूजा सामान , शकरकंद , कोचई , आंवला , फल, फूल , बेर , चना , भाजी , तथा गन्ने की जमकर खरीददारी हुई । गन्ना व्यवसायी मुन्ना पटेल , भगेला पटेल , रामकुमार पटेल , ने बताया कि त्योहार में गन्ने की जमकर खरीददारी हों रही है । छत्तीसगढ़ की परंपरा अनुसार चरवाहों ने गौ माता को सुहाई बांधकर किसानों से आशीष मांगा ।