अवैध कॉलोनाईजर : मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन नही

 

गरियाबंद । अवैध कॉलोनाईजर पर एफ.आई.आर. दर्ज करने मुख्यमंत्री की घोषणा का कोई क्रियान्वयन गरियाबंद जिले में नजर नही आ रहा है विगत दिनों इस मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश जारी किये थे और मुख्य सचिव अमिताभ जैन को निर्देशित करते हुए पुरे प्रदेश में अवैध कॉलोनाईजरों की जांच उपरांत कार्यवाही के निर्देश के बाद भी अब तक गरियाबंद जिले और खासकर मुख्यालय में इस विषय पर प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि गरियाबंद में भू-माफियाओं की स्थानीय प्रशासन से व्यापक सांठ-गांठ है, और इसकी जड़ें काफी मजबूत हो चुकी है। प्रत्यक्ष रूप से अवैध निर्माण नजर आ रहे है, और बेखौफ होकर शासन के नियमों की साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना हो रही है , जिससे भू-माफियाओं के हौसले बुलंद है, और वहीं दुसरी ओर सही मायने में लोगों को अपनी जमीन की खरीद-बिक्री मेें कॉफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।

लगातार नये जिले बनने के बाद अवैध कॉलोनियों की भरमार हो चुकी है, और एक तरह से यह विषय अधिकारियों के लिए ‘‘चारागाह’’ बन गया है। ऐसी अवैध कॉलोनियॉ बनाने वालों का नियम कानून कायदे से कोई मतलब नहीं है, आम लोगों के लिये छोटी बड़ी भूमि की रजिस्ट्री बंद है, लेकिन इस अवैध व्यापार से जुड़े भू-माफियाओं की रजिस्ट्रीयॉ बेखौफ हो रही है, कौड़ियों के मौल जमीन खरीद कर हीरे की कीमत पर रातों-रात धनवान और धनवान बनते जा रहें है। सभी उच्चाधिकारियों और विभागों को अपनी जेब भरने से फुरसत नही है, और इसका खमियाजा छोटे-छोटे किसानों को भोगना पड़ रहा है, क्योंकि सारे नियम कायदे कानून निम्नवर्ग के लिये ही लागू होते है। जब मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने दिशा निर्देश जारी किया था, तब नगरवासियों को एक उम्मींद जगी थी कि गरियाबंद में अवैध कॉलोनियों के करोबार पर रोक लगेगी लेकिन एैसा कुछ भी नही हुआ।

समय का इंतजार

विपक्ष की तेज निगाहें इस पर लगी हुई है, और समय का इन्तजार कर रहे है, आने वाले समय में मुख्यमंत्री प्रवास के दौरान भेंट मुलाकात के बीच इस बात की व्यापक शिकायत होने की संभावना है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को घेरने की तैयारी है, क्योंकि यह अवैध कारोबार जिस तेजी से फैल रहा है, यह विकास में बाधक है, 50 रूपये प्रति फीट की जमीन आज 500 रूपये फीट में बेचने का खुला कारोबार किसी जिले में नही है, स्थानीय प्रशासन में पटवारी से लेकर उच्चाधिकारियों तक राजस्व अमला इस कारोबार के समर्थन में खड़ा नजर आता है, एैसे कारोबारियों की राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ लगातार मिलने-जुलने का सिलसिला खुलेआम नजर आता है, आमजन उच्चाधिकारियों से मिलने कई-कई दिन इंतजार करते है, लेकिन इस कारोबार से जुड़े लोगों के लिये उच्चाधिकारियोें के दरवाजे 24 घंटे खुले रहते है।

इन क्षेत्रों में अवैध कालोनी का हो रहा है निर्माण

जिला मुख्यालय के करीब गरियाबंद-देवभोग मार्ग में लॉवलीहुड कॉलेज के पहले ग्राम पंचायत डोंगरीगांव एवं शीतला मंदिर के पास राईस मील से लगी हुई साथ ही गरियाबंद-राजिम मुख्य मार्ग से लगी हुई सैंकड़ों एकड़ जमीन इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है । जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत आमदी (म) के वार्ड क्रमांक-07 खसरा नंबर-491 मूल नंबर से आज पर्यन्त तक 13 टुकड़ों में कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर बेची जा चुकी है, जहां कालोनी निर्माण जारी है, किन्तु राजस्व अमला हाथ में हाथ धरे बैठा है।
गरियाबंद नगर के आस पास कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन के निर्माण सामान्य बात हो गई है, इस व्यवसाय से जुड़े कई लोग बाहर से आकर बस गये है, और रातो-रात ‘‘मालामाल’’ हो गये है, स्थानीय प्रशासन उन्हें कार्यवाही के बदले खुलकर सहयोग दे रहा है। इन अवैध कॉलोनाइजर्स को ना किसी कानून का डर है ना कार्यवाही का ,और ना ही अवैध कारोबार से जुड़े सरपरस्त अधिकारियों को कोई भय है।

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"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्ट
"छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" के लिए किरीट ठक्कर की रिपोर्टhttps://chhattisgarh-24-news.com
किरीट ठक्कर "छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़" संवाददाता
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